इस महामारी का कहर पूरे देश के साथ-साथ फरीदाबाद को भी अपनी गिरफ्त में लिए हुए हैं लेकिन कुछ मामले ऐसे आ रहे हैं जो अंदर की रूह को भी हिला के रख रहे हैं ऐसा ही एक मामला औद्योगिक नगरी में देखने को मिला । जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों को महामारी ने लील लिया है परिवार में एक दंपति और उनके दो बेटे शामिल है अब घर में दो बहू ही रह गई है विधि का विधान इतना कुटिल है कि सोचने पर स्वत ही मजबूर कर रहा है दरअसल परिवार में एक बेटे की शादी तो करीब 25 दिन पहले ही हुई थी
शुक्रवार को एक बेटे की मौत को लेकर सोहना रोड स्थित अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए भी हंगामा किया गया था कॉलोनी के लोग अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे हालांकि अभी तक कोई शिकायत नही की गई है।
फ्रंटियर कॉलोनी के प्रधान अजय अरोड़ा ने बताया कि कॉलोनी निवासी 55 वर्षीय महिपाल महामारी से ग्रस्त थे इसके चलते इनकी 20 अप्रैल को मृत्यु हो गई इसके बाद उनकी पत्नी भारती भी इसी वजह से मौत के मुंह में चली गई 23 अप्रैल को भारती ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया ।
उसी दौरान 35 वर्षीय बड़े बेटे विपुल और 28 वर्षीय छोटे बेटे रोहित उर्फ तरुण भी इसी बीमारी की चपेट में आ गए विपुल ने 28 अप्रैल को एक अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि शुक्रवार को एक अस्पताल में तरुण ने भी दम तोड़ दिया आपको बता दें कि विपुल एक बेटी और एक बेटे के पिता थे।
जबकि तरुण की शादी अभी 25 दिन पहले ही हुई थी प्रधान के अनुसार तरुण का अस्पताल में 500000 का बिल बना दिया गया था वह लोग धीरे-धीरे पैसा जमा करा रहे थे लेकिन एक उम्मीद के सहारे ही उन्होंने अस्पताल में पैसे जमा कराना शुरू कर दिया ।
लेकिन अस्पताल प्रबंधन फिर भी उन पर जोर डालता रहा शुक्रवार को तरुण ने उन्हें फोन कर कर बताया कि भैया मुझे बचा लो ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो रहा है प्रधान के अनुसार उन्होंने तरुण को आश्वासन दिया कि सिलेंडर का इंतजाम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जब मरीज इतना गंभीर है तो अस्पताल प्रबंधन को मरीज से ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की जानकारी नहीं सांझा करनी चाहिए थी इस बारे में अस्पताल मैनेजमेंट से काफी बहस हुई लेकिन डॉक्टर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे।
उन्होंने यह साफ कह दिया कि ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं है इतना ही नहीं जब तरुण की मौत हो गई तब भी बिना भुगतान किए उसका शव नहीं दिया गया प्रधान ने आगे बताया कि उन्होंने तरुण से बातचीत का ऑडियो जिला उपायुक्त मुख्य ,चिकित्सा अधिकारी ,सहित अन्य अधिकारियों को भेजा लेकिन कहीं से कोई कार्यवाही नहीं हुई ।उनकी मांग है कि ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।