सिफारिश के चंद सिक्कों से ख़रीदी जा रही है कीमती सांसे, हैरान है संचालक

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एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “जिसकी लाठी उसकी भैंस” लेकिन कभी कभी यह पंक्तियां सुनने में तो अच्छी लगती है पर हकीकत में कुछ और मलतब सामने आता है . हरियाणा के पानीपत जिले में सेक्टर 29 स्थित ऑक्सीजन सप्लाई केंद्र वैसे तो सरकार के अधीन है।

लेकिन यहाँ पर सरकार की मर्जी का एक भी कार्य नही हो रहा है इस केंद्र में ऑक्सीजन जरूरत के हिसाब से नही बल्कि सिफारिश के जोर में मिल रही है ।

सिफारिश के चंद सिक्कों से ख़रीदी जा रही है कीमती सांसे, हैरान है संचालक


वही सिफारिशकर्ता सप्लाई केंद्र पर आ आकर हंगामा और कर रहै है सिलेंडर सप्लाई केंद्र संचालकों को पता ही नही होता कि खाली सिलेंडर लोगो तक पहुँच कैसे जाता है हालांकि नोडल इंचार्ज विवेक चौधरी का कहना है कि जिन लोगों को संक्रमण नहीं है।

सिफारिश के चंद सिक्कों से ख़रीदी जा रही है कीमती सांसे, हैरान है संचालक

जिन्हें घर पर सामान्य तौर पर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, केवल उन्हीं को डाक्टर की सिफारिश पर ही सिलेंडर दे रहे हैं।
इस माहमारी ने पहले ही नाक में दम कर रखा है सुबह से शाम तक तीमारदारों की लाइन सेक्टर 29 के सप्लाई केंद्र पर लगी रहती हैं ।

सिफारिश के चंद सिक्कों से ख़रीदी जा रही है कीमती सांसे, हैरान है संचालक

कोई बड़ी सिफारिश लेकर आता हैं तो कोई पुलिस कर्मियों से बात कराता हैं जिन लोगों को सिलेंडर नही मिलता तो वो भी सिफारिश ढूढ़ने लगते है वही सप्लाई केंद्र पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है इन लोगों की गाड़ी को एंट्री नहीं मिलती वह कंधों पर सिलेंडर ले जाते हुए नजर आते हैं।

अनुमति होने के बाद भी घंटों इंतजार के बाद ही सिलेंडर मिल रहा है। जिन तीमारदार के कोई सिफारिश नहीं है, वे दिनभर परेशान रहते हैं। पूरी दिल्ली में नहीं मिल ऑक्सीजन, यहां मना कर रहे

सिफारिश के चंद सिक्कों से ख़रीदी जा रही है कीमती सांसे, हैरान है संचालक

दिल्ली के तिलक नगर के रहने वाले सुशील ने बताया किया दिल्ली में कहीं भी ऑक्सीजन गैस सिलेंडर नहीं है और पानीपत में पता चला है, लेकिन अब यहां भी ऑक्सीजन गैस सिलेंडर देने से मना कर दिया। परिवार में दो कोरोना मरीज है और उनका कुछ घंटों का ही ऑक्सीजन बैकअप बचा है।

इसलिए यहां आया पर यहाँ भी ऑक्सीजन नही मिल रही है, लोग इस ऑक्सीजन के ना मिलने पर अपनी जान गंवा रहे हैं ।