महामारी से बचाव करने के लिए अभी दुनिया में कोई कारगर दवा नहीं है। संक्रमण व्यापक रूप से बढ़ते जा रहा है। महामारी की रोकथाम के लिए देश में टीकाकरण जारी है। मगर दवा की उपलब्धता पूरी नहीं बन पा रही है। मगर इस बीच राहत की खबर आई है। अब देश में महामारी की एक और दवा खोज ली गई है। दवा महज खोज ही नहीं ली गई है। बल्कि दस से 12 दिनों यह बाजारों में उपलब्ध होगी।
इस नई दवा से कई लोगों के चेहरों पर एक मुस्कान आयी है। उम्मीद की एक और किरण जगी है। महामारी का अब डटकर सामना किया जा सकेगा। देश में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. अनिल मिश्रा, हिसार निवासी डा. सुधीर चांदना और डा. अनंत भट्ट ने कोरोनारोधी दवा (2-डीजी) की खोज कर ली है।
महामारी से लड़ाई अभी जारी है। ऐसे में इस लड़ाई में योद्धाओं की भूमिका का निभा रहे लोगों में अब हरियाणा के डा. सुधीर चांदना का नाम भी जुड़ गया है। डा. सुधीर बताते हैं कि बड़ी मात्रा में डा. रेड्डी लैब इस दवा का उत्पादन करने जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक 7 से 10 दिन में यह दवा बाजार में आने की संभावना है।
डीआरडीओ की इस दवा से लाभ होने के संकेत हैं। इस दवा का प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया गया है और हर राज्य में संभवत। यह सप्लाई भी की जाएगी। इस दवा की खोज का पूरा खर्चा डीआरडीओ और डा. रेड्डी लैब मिलकर उठा रहे हैं। हालांकि अभी तक हिसाब नहीं लगाया है कि प्रोजेक्ट पर अभी तक कितनी लागत आई है। यह दवा एक पाउडर के रूप में है और इसे पानी में मिललाकर दिया जाता है। मगर अभी इस पर सुधार के और भी प्रयोग चल रहे हैं।
इस समय महामारी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। हर जगह जल्द ही यह महामारी समाप्त हो इसके लिए हवन यज्ञ भी हो रहे हैं। ऐसे में नई दवा के आ जाने से राहत मिली है।