हम अपने दुःख – सुख से इतना घिरे रहते हैं कि सामने वाले का जानने का मौका ही नहीं मिलता। बिना भोजन खाए एक दिन भी निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है पर ये महिला एक-दो साल नहीं बल्कि पिछले 30 सालों से चाय की चुस्की से ही काम चला रही है। जी हां सुनकर आपको भले ही यकीन ना हो लेकिन ये हकीकत है। हाजीपुर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर रामपुर नाम का एक गांव है।
हमने यह तो सुना है कि पानी पीकर लोग सालों – साल जीवित रहते हैं लेकिन ये महिला चाय के सहारे ज़िंदा रहती है। इनका यह गांव आम गांव की तरह दिखने वाला किरण देवी नाम की महिला की वजह से अचानक सुर्खियों में आ गया है।
कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जिनके पीछे दुःख और दर्द भरा होता है। आंसुओं से घिरी होती है। बिहार के इस गांव में रहनेवाली इस महिला ने अपने पति की मौत के बाद लगातार 30 साल तक अन्न जल त्याग दिया और केवल चाय पर अपने को जिंदा रखा है। पति के लिए खुद की जान को दाव पर लगा देना भारत में यह परंपरा रही है। सती प्रथा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज बिहार के हाजीपुर में ये महिला चाय वाली चाची और दादी के नाम से प्रसिद्ध है।
इनसे नई – नवेली दुल्हनें भी काफी प्रेरणा लेती हैं। इनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है। पति से प्यार इनका अमर है। करीब 30 साल पहले किरण देवी ने अपने पति उपेंद्र सिंह को किसी कारणवश खो दिया था। अपने पति की मौत उनके लिए काफी पीड़ादायक रही। पति के मौत से किरण देवी इतनी दुखी हुई कि उनके वियोग में उन्होंने अन्न जल त्याग दिया और चाय पीकर जीवन गुजारने लगी।
काफी लोग इसे कुदरत का करिश्मा कहते हैं। सभी को विश्वास भी नहीं होता है। लेकिन ये सच है कि इन्होनें अपने पति की मौत के बाद लगातार 30 साल तक खाना-पीना छोड़ दिया और केवल चाय पर अपने को जिंदा रखने लगी।