जहां एक तरफ जिले में लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है वहीं अभी तक जिले में वैक्सीन की करीब 4000 डोज खराब हो चुकी है। महामारी वैक्सीन के नोडल अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल, जिले में इन दिनों वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बंद है इसका मुख्य कारण वैक्सीन ना होना है। वैक्सीन के लिए प्रशासन द्वारा अधिकृत साइट पर लोगों को स्लॉट नहीं मिल पा रहा है वही प्रशासन की लापरवाही कहें या रखरखाव में कमी अभी तक जिले में वैक्सीन के करीब 4000 डोज खराब हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन की डोज ग्रामीण क्षेत्रों के वैक्सीन केंद्रों पर ज्यादा बर्बाद हुई हैं। हालांकि महामारी के बढते कहर के खौफ के चलते लोग अब वैक्सीन लगवाने के लिऐक वैक्सीन केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, मगर अब पर्याप्त वैक्सीन नहीं होने की सूरत में टीकाकरण कम हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीन के नोडल अधिकारी डाक्टर रमेश का कहना है कि वैक्सीन का आवंटन प्रदेश स्तर पर होता है, जितना हिस्सा फरीदाबाद को मिलता है, उसी आधार पर वैक्सीन शुरू कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि जब वैक्सीन कम आती हैं तो कम केंद्रों पर ही वैक्सीन की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना वैक्सीन के लिए स्थापित व्यवस्था के मुताबिक एक शीशी में दस डोज होती हैं। इसके खुलन के बाद इसे चार घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। यानी चार घंटे तक सभी दस डोज दस लोगों को लगा दी तो सही है, अन्यथा उसके बाद जितनी डोज बच जाती हैं, वह बर्बाद हो जाती है और उसे फिर उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
वैक्सीन की कोल्ड चेन बनाए रखने के लिए फ्रीज की जरूरत होती है। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने बीके अस्पताल में जिला वैक्सीन एवं कोल्ड चेन स्टोर बनाया गया है। यहां से निर्धारित तापमान में कोरोना वैक्सीन को वैक्सीन केंद्रों पर भेजा जाता है। करीब पचास केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग को कोल्ड चेन बनाए रखना जरूरी है।
बहरहाल, जरूरत के आधार पर फ्रीज की जरूरत पड रही है और उसी मांग के आधार पर बीके अस्पताल में सरकार ने फ्रीज भेज हैं। हालांकि अभी इनका इस्तेमाल नहीं किया गया है। जब इस बारे में वैक्सीन के नोडल अधिकारी डाक्टर रमेश से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे फ्रीज की जरूरत पडती जा रही है, उसी आधार पर इनका बंदोबस्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई जगह नए कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं।