महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच जिले भर में ऑक्सीजन तथा बेड की मारामारी देखने को मिल रही है। मरीजों को समय पर बेड़ नहीं मिल पा रहा है वहीं अब हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने जिला प्रशासन से ऑक्सीजन और बेड की मौजूदगी को लेकर रिपोर्ट तलब की है।
किस अस्पताल में कितने मरीज भर्ती हैं और उनका पता क्या है आदि बिंदुओं पर रिकार्ड तैयार करके मांगा गया है। निजी अस्पतालों पर विशेष ध्यान है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार शाम तक जिला प्रशासन के अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे। करीब 40 फीसदी मरीज जिले से बाहर के बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी अंतिम रिपोर्ट तैयार होनी बाकी है।
फरीदाबाद में कोरोना के मरीज के लिए बेड और ऑक्सीजन को लेकर ज्यादा मारामारी है। शासन-प्रशासन अभी तक बेड और ऑक्सीजन की कमी नहीं होने की बात कहता रहा है, लेकिन नगर निगम द्वारा प्रोटोकॉल के तहत किए गए शवों के दाह संस्कार के बाद हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद पर फोकस करना शुरू कर दिया है।
फरीदाबाद नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक अप्रैल से अब तक एक हजार से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है। इसमें चार सौ से ज्यादा शव, उनके हैं, जो इलाज के लिए दिल्ली एनसीआर सहित अन्य जगह से यहां उपचार करवाने के लिए आए थे। महामारी के लक्षण को आधार मानते हुए इनका अंतिम संस्कार फरीदाबाद में किया गया।
सूत्रों का कहना है कि बाहर से आए लोगों के आधार पर सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। सरकार का मानना है कि उपचार के लिए लोग बाहर से आए और उसी वजह से हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा। सरकार का मानना है कि 50 फीसदी से ज्यादा लोग इलाज के लिए हरियाणा में दूसरे जिलों से आए हैं।
नगर निगम में महामारी से मरने वालों लोगों के शवों का दाह संस्कार करवाने वाले नगर निगम के नोडल अधिकारी राजेंद दहिया का कहना है कि 12 अप्रैल से नौ मई तक 1003 शवों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है, जिनमें 661 फरीदाबाद से थे और 348 जिले से बाहर के थे।
बीके अस्पताल के डॉ. गिर्राज का कहना है कि कितने लोगों का इलाज चल रहा है, इसका डेटा निजी अस्पतालों से लिया जा रहा है। उसे सरकार को भेजा जाएगा। अभी तक अतिरिक्त कितने बेडों का बंदोबस्त किया गया जा चुका है, इस बारे में रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी गई है।