महामारी से सैकड़ों मरीजों को बचाने वाला खुद आया संकट में, हर तरफ से मिल रही उपेक्षा

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महामारी का संकट सभी को डरा रहा है। हर तरफ स्थिति काफी भयावह हो गयी है। आम नागरिक से लेकर सभी लोग इस समय महामारी से लड़ाई हार रहे हैं। इस जानलेवा वायरस से सैकड़ों मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर के प्राण संकट में हैं। दिल्ली के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल के बाल रोग विभाग में तैनात डॉ. अमित गुप्ता संक्रमण की चपेट में आने के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं।

कई डॉक्टर इस वायरस की चपेट में आ गए हैं। कई इस बीमारी से लड़ रहे हैं। माहमारी किसी को नहीं बख्श रही है। गंभीर बात यह है कि इनका परिवार बीते 22 अप्रैल से अस्पतालों के चक्कर लगा रहा है और कहीं भी इन्हें मदद नहीं मिली। पीतमपुरा निवासी 38 वर्षीय डॉ. अमित गुप्ता को संक्रमित होने और सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हीं के अस्पताल में लाया गया लेकिन वहां बेड ही नहीं मिला। 

महामारी से सैकड़ों मरीजों को बचाने वाला खुद आया संकट में, हर तरफ से मिल रही उपेक्षा

दूसरी लहर में पैसे से लेकर रुतबा कुछ काम नहीं आ रहा है। खुद डॉक्टर भी अपनी जान बचाने के लिए बिस्तर ढूंढ रहे हैं। इनके जो डॉक्टर साथी थे उन्होंने डॉक्टर ड्यूटी रूम में ही उन्हें लेटाया और इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक तबीयत काफी बिगड़ने लगी। बहन ऐना ने बताया कि काफी मुश्किलों के बाद श्रीअग्रसेन अस्पताल में भर्ती किया लेकिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

महामारी से सैकड़ों मरीजों को बचाने वाला खुद आया संकट में, हर तरफ से मिल रही उपेक्षा

इस वायरस की भयावता को सभी जानते हैं लेकिन फिर भी कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। मास्क से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कोई नहीं कर रहा है। डॉ. अमित गुप्ता को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया है, लेकिन अब वहां एकमो मशीन मांग रहे हैं जोकि आसानी से उपलब्ध नहीं होती। उनकी बहन ने बताया की जब से उनके भाई बीमार पड़े हैं तब से अस्पताल प्रबंधन और दिल्ली सरकार के साथ साथ किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।

महामारी से सैकड़ों मरीजों को बचाने वाला खुद आया संकट में, हर तरफ से मिल रही उपेक्षा

महामारी का प्रकोप इस समय दिल्ली समेत देश के सभी राज्यों में मचा है। दूसरी लहर कहर बरपा रही है। स्थिति काफी चिंताजनक है माहौल काफी गंभीर है।