महामारी की दूसरी लहर तो खत्म होते हुए नजर आ रही है। लेकिन तीसरे लहर भी शहर में अगर दस्तक देती है तो वह बच्चों पर ही नहीं, बल्कि उन लोगों पर असर दिखाएगी जिनकी इम्यूनिटी लेवल कम है। जैसे कि सुनने में आ रहा है कि तीसरी है सिर्फ बच्चों पर ही असर करेगी लेकिन ऐसा नहीं है।
अगर किसी व्यक्ति या बुजुर्ग की इम्युनिटी पावर कम है। तो यह लहर उस पर भी असर करेगी। यह कहना है ग्रीन फील्ड कॉलोनी में रहने वाले फिजिशियन डॉक्टर दीवान का। डॉक्टर दीवान ने बताया कि जो तीसरी लहर है। वह बच्चों पर ही नहीं बल्कि किसी पर भी असर कर सकती है।
क्योंकि महामारी की जो तीसरी लहर है वह इम्यूनिटी पावर कम होने वाले व्यक्ति पर ज्यादा असर करती है। इसीलिए बच्चों की इम्युनिटी पावर ज्यादा अच्छी होती है और वह महामारी से जल्दी ठीक हो रहे है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगल यानी एक ऐसी फफूंदी है। जो व्यक्ति के गले, नाक, कान व लंग पर असर करती है।
यह एक तरह का फंगल है। उन्होंने बताया कि महामारी से ग्रस्त मरीज अगर कोई जोराइड का इस्तेमाल करता है। तो वह इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ सकता है। क्योंकि जो steroid के द्वारा उनके शरीर में फफूंदी या फिर यूं कहें फंगल इन्फेक्शन होना शुरू कर देते हैं और वह ब्लैक फंगल बन जाता है।
उन्होंने बताया कि अगर महामारी से ठीक होने के बाद भी मरीज का बुखार व इंफेक्शन ठीक नहीं हो रहा है। तो उसको ब्लैक फंगल होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं। इसीलिए अगर कोई व्यक्ति महामारी से ग्रस्त है। तो steroid का इस्तेमाल ना करें। क्योंकि महामारी से तो ठीक हो जा सकता है।
लेकिन ब्लैक मंगल से ठीक होने के चांसेस काफी कम है। डॉक्टर दीवान अपने खाली समय में आरडब्लूए ग्रीन फील्ड के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को फ्री उपचार दिया जाता है। उन्होंने बताया कि महामारी के चलते अभी उनकी ओपीडी जो मंदिर में चलती है वह बंद है। लेकिन उसके बावजूद भी अगर किसी व्यक्ति को जरूरत होती है तो वह उनकी मदद करते है।