महामारी के इस काल में हर तरफ त्राहिमाम मचा है। कई राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है। कई कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को तवज्जो दे रही हैं। महामारी के संक्रमण से रिकवर कर रहे एक बैंककर्मी की छुट्टी कथित तौर पर मंजूर नहीं हुई तो वह ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए ही ब्रांच पहुंच गया। मामला बोकारो के सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच का है।
कई बैंककर्मी इसे ड्रामा बता रहे हैं। इस मामले में बैंक का कहना है कि जो व्यक्ति ऑक्सीजन लगाकर आया है, उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और लोन एकाउंट एनपीए होने के मामले में रिकवरी की कार्यवाही बंद करवाने के लिए उन्होंने यह ड्रामा किया है।
बैंक में जो भी ग्राहक आ रहा था वो पहले उस व्यक्ति को देख कर सलाम कर रहा था कि ऑक्सीजन लगाकर काम किया जा रहा है। लेकिन मामला कुछ उल्टा ही निकला। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि यह कहना गलत है कि महामारी से रिकवर होने के दौरान उन्हें ऑफिस आने के लिए बाध्य किया गया। अरविंद(वह व्यक्ति) ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए अपनी पत्नी और बेटे के साथ मंगलवार को ब्रांच पहुंचे थे।
बैंक को बदनाम करने के लिए उनके परिवार ने इसका वीडियो बनाया और ऑनलाइन पोस्ट कर दिया। इसके बाद यह वीडियो वायरल होने लगा। अरविंद वीडियो में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए हुए बैंक की शाखा में जाते दिखाई दे रहे हैं। सीढ़ियों से होते हुए वह एक अधिकारी के केबिन तक पहुंचते हैं, जहां उनके परिवार और बैंक अधिकारी के बीच तीखी बहस होती है।
यह गलत है कि आप अपने लाभ के लिए किसी को दोषी ठहरा दें। ऐसा होना नहीं चाहिए। इस वीडियो के अंत में वह मैनेजर से पूछते हैं कि उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है। वह कहते हैं कि मैं बीमार हूं और मेरी हालत गंभीर है।