महामारी के इस काल में हर किसी को नकारात्मक भाव और ख़बरें सुनने को मिल रही है। लेकिन हरियाणावासियों के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी घोषणाएं की हैं। महामारी की दूसरी लहर से काफी हद तक उबर चुकी हरियाणा सरकार ने जन कल्याण की पांच बड़ी घोषणाएं की हैं। सरकार ने शहरी निकायों की संपत्ति पर बरसों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का अहम फैसला किया है।
इस फैसले का इंतज़ार लाखों लोग वर्षों से कर रहे थे क्योंकि इस योजना का लाभ दुकानदारों और मकान मालिकों को समान रूप से मिलेगा। ऐसे लोगों को इस संपत्ति की रजिस्ट्री अपने नाम कराने के लिए कलेक्टर रेट में 20 से 50 फीसद तक की छूट प्रदान की जाएगी। यह योजना एक जून से लागू होगी।
नए फैसले के मुताबिक सूबे में अब 20 साल से ज्यादा समय से नगर निकाय प्रॉपर्टी पर काबिज लोगों को मलकियत मिलेगी। इन बड़ी योजनाओं में दो योजनाएं शहरी निकाय विभाग की हैं तो तीसरी योजना सिंचाई और पांचवीं पंचायत विभाग की है। अब महामारी की चपेट में आने की वजह से जिन बच्चों के माता-पिता दिवंगत हो गए, उन्हें पांच लाख रुपये के बीमा कवर का लाभ मिलेगा, जिसका पूरा प्रीमियम राज्य सरकार अपने खजाने से भरेगी।
हर योजनाओं के कुछ न कुछ मापदंड हैं। जैसे कि निकायों की संपत्ति पर बरसों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के लिए उन लोगों का 31 दिसंबर, 2001 से पहले से काबिज होना ज़रूरी है। हरियाणा सरकार ने शहरी निकायों की खाली और बेकार पड़ी जमीनों की बिक्री साथ लगते प्लाटधारकों अथवा किसी भी खरीदार को बेचने का निर्णय लिया है।
हरियाणा में महामारी का संकट अभी टला नहीं है। खतरा अभी भी बना हुआ है। मामलों में गिरावट ज़रूर आयी है लेकिन गंभीरता कम नहीं हुई है। मौत के आंकड़े अभी भी डराने वाले हैं।