अपने आदेशों को ताक पर रख हरियाणा सरकार ने बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मचारियों की वापसी पर लगाया अंकुश

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हरियाणा: पिछले दिनों जहां खुद ब खुद हरियाणा सरकार द्वारा कच्चे स्वास्थ्य कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने के लिए हामी भरी थी। अब हरियाणा सरकार द्वारा अपनी बातों को ताक पर रख दिया गया है।

जबकि यह आदेश सरकार द्वारा 13 मई को दिए गए थे। अब नौकरी पर वापसी न करने फैसले से नाराज सर्व कर्मचारी संघ ने इसके विरोध में सभी सामान्य अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

अपने आदेशों को ताक पर रख हरियाणा सरकार ने बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मचारियों की वापसी पर लगाया अंकुश

स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत कई साल से करीब 14 हजार ठेका कर्मचारी काम करते हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नए टेंडर आवंटित किए थे। हर जिले में मार्च, अप्रैल व मई 2021 में नए ठेकेदारों ने काम संभालते ही पुराने कर्मचारियों को नौकरी से हटाना शुरू कर दिया।

कर्मचारी संघ के तीखे विरोध के बाद महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने 13 मई को सभी सिविल सर्जन को लिखित आदेश दिए थे कि किसी भी पुराने कर्मचारी को न हटाया जाए और यदि कोई हटाया गया है तो उन्हें वापस ड्यूटी पर लें। अब 28 मई को स्वास्थ्य महानिदेशक ने अपने ही आदेश पलट दिए हैं।

अपने आदेशों को ताक पर रख हरियाणा सरकार ने बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मचारियों की वापसी पर लगाया अंकुश

यमुनानगर में 90, झज्जर 62, कुरुक्षेत्र 50, रोहतक 30, पलवल 17, हिसार 15, सिरसा 11, भिवानी 95, कैथल 2, पीजीआई रोहतक 67, हसन खान मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ (मेवात) से 119 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। ग्रीन फील्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा से निकाले गए 200 कर्मचारियों को भी समायोजित नहीं किया।


अभी संक्रमण का खतरा टला नहीं है।