आपका हौसला सबसे बड़ी तलवार है आपकी। आप अगर कुछ ठान लें तो सबकुछ हासिल कर सकते हैं। ऐसी ही कहानी है इस किसान की। अगर कुछ दिखाने की ज़िद्द हो तो, बहाने नहीं बस रिकॉर्ड बनते हैं। आजकल ज्यादातर किसान रसायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे है। यह इन्हें नई पहचान और अच्छी कमाई दे रही है।
नौकरी छोड़कर लोग खेती की तरफ आ रहे हैं। हर कोई खेती करना चाहा रहा है। किसान अब जागरूक हो चुके है, वो जानते है कि केमिकल उपयोग करने से फसल तो अच्छी हो जायेगी लेकिन जो भूमि प्रदूषित हो रही है इससे उन्हें केवल घाटा ही नज़र आ रही है तथा कुछ किसान रासायनिक खेती छोड़ जैविक खेती इसलिए कर रहे ताकि वो अपनी एक अलग पहचान बना सकें।
देशभर में अब यह सोच समाप्त होने लगी है कि खेती – बाड़ी बस नुकसान का सौदा है। यह एक पॉजिटिव बात है। इस किसान ने जैविक खेती कर 1.2 फ़ीट लंबी मिर्च का उत्पदान अपने खेत में किया है। राजस्थान के रहने वाले मोती सिंह रावत नामक एक किसान ने जैविक खेती कर 1.2 फ़ीट लंबी मिर्च का उत्पदान अपने खेत में किया है, जो आजकल बहुत चर्चे में है।
ज्यादातर लोगों से आपने सुना होगा कि खेती-बाड़ी ज्यादा फायदे का सौदा नहीं है। खेतों से बेहतर है कि पढ़ाई लिखाई करके इंजीनियर, डॉक्टर या फिर सरकारी नौकरी की तैयारी कर लें। लेकिन अब देश का युवा अब इन सभी बातों को दरकिनार करने लगा है। यह किसान पहले भारतीय सेना में सैनिक रह चुके है। जब यह सेना में नौकरी करते थे, उस दौरान वो रात को गश्ती पर निकलें थे तभी उनका पांव ग्लेशियर में फंस जाने के कारण जख्मी हो गया। जिसके बाद उनको सेना में दिव्यांग घोषित कर दिया गया।
अपने काम छोड़कर नौकरियां छोड़कर कई लोगों ने खेती शुरू की है। यह खेती उनके लिए फायदा का सौदा बनी है। मोती सिंह ने अपने खेतों में 1.2 फ़ीट लम्बे मिर्च उगाए हैं।