लॉकडाउन के नियमों की पालना हर औद्योगिक जगत द्वारा भली-भांति किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो अस्पताल जाने के लिए आतुर हो। हर किसी में संक्रमण के प्रति जागरूकता स्पष्ट देखी जा सकते हैं। मगर उद्योगों को खोलकर हार्डवेयर की दुकानों को बंद करके सरकार द्वारा जो औद्योगिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है
उसके भरपाई अब किसके सर रखी जाए। जितनी तीव्रता सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाने में दिखाई गई थी अब जरूरत है कि लॉक डाउन हटाने में उससे ज्यादा तीव्रता दिखाई जाए। अन्यथा इसका हर्जाना औद्योगिक क्षेत्रों और प्रवासियों को भुगतना पड़ेगा।
ऐसा हम नहीं बल्कि मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर का कहना है। दरअसल, रमणीक प्रभाकर ने बताया कि वैसे ही संक्रमण के चलते लागू हुए लॉक डाउन में औद्योगिक नगरी की रीढ़ तोड़ कर रख दी है। ऐसे में साल भर बाद आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए उद्योगपति ने गति पकड़नी शुरू ही की थी कि फिर एक बार लगे लॉकडाउन में उद्योग धंधे पर ग्रहण लगा दिया है।
उन्होंने ने कहा कि जिस तरह संक्रमण की दूसरी लहर जितनी तेजी से कम हो रही है। उसी तरह जरूरत है कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी राहत दी जाए ताकि जो समस्याएं उद्योगपतियों के सामने उत्पन्न हो रही हैं, उन पर भी अंकुश लग सके। उन्होंने बताया कि कई ऐसे कार्य हैं जो हार्डवेयर की दुकान बंद होने के चलते ठप हो चुके हैं,
क्योंकि रॉ मैटेरियल जिसे कच्चा माल भी कहते है, इसके अतिरिक्त केमिक, नट बोल्ट जैसे कई ऐसे सामान है जिनके लिए कंपनियां व फैक्ट्रियां हार्डवेयर की दुकानों पर निर्भर है। मगर सरकार द्वारा लगाए लॉक डाउन में यह दुकाने बंद है, तो कंपनियां खोलकर भी उद्योगपतियों का कोई भला नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा ऐसे में आर्थिक गतिविधियों में कमी आने के चलते प्रवासी पलायन करने पर मजबूर हो चुके हैं, क्योंकि उनके पास दूसरा कोई चारा नहीं शेष रह गया है। कंपनी उन्हें वेतन देने में असमर्थ हो रही ,है और ऐसे में वे यहां गुजारा करने में बिल्कुल भी सक्षम नहीं है। कई ऐसे प्रवासी भी है जो काम और पैसे के अभाव में डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।
कुछ लोग गलत तरीके से पैसा कमाने के लिए मजबर हो चुके हैं। मगर ऐसे में सरकार को जरूरत है कि अपने फैसलों पर अंकुश लगाएं क्योंकि उद्योग क्षेत्र में हर कोई लॉकडाउन के नियमों की पालना कर और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखकर ही कार्य को गति दे रहा है। मगर गति देने के साथ-साथ जरूरतों का ख्याल रखना थी सरकार को आना चाहिए इसलिए उक्त एसोसिएशन मांग करते हैं कि जल्द से जल्द लॉकडाउन हटा दें लेकिन संक्रमण के लिए बनाए गए नियमों को लागू रखें।