फरीदाबाद : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली की भूमि पर बसे खोरी गांव के लिए सुप्रीम कोर्ट का नया फरमान जारी किया है. हरियाणा बॉर्डर पर बसे इस गाँव को नगर निगम द्वारा तोड़ने के फैसले को कुछ समय के लिए बेसक स्थिगित किया गया हो लेकिन प्रशासन का रवैया इस बार सख्त नजर आ रहा है।
निगम की अनुसार खोरी गांव में 125 एकड़ जमीन है जिस पर 80 एकड़ जमींन को कब्जा किया गया है सुप्रीम कोर्ट के इस फरमान से वंहा रहने वाले लोग खौफजदा है। उनको अपने घर टूटने का डर सताने लग गया है कि हम यंहा से कहा जायँगे ।
हालाँकि इससे पहले भी खोरी गांव और लक्क्ड़पुर गाँव में अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्यवाही की जा चुकी है. सितम्बर 2020 और 2 अप्रैल 2021 को अतिक्रमण हटाने के लिए कारवाही की गई थी. खोरी गाँव के कुछ हिस्से को तोड़ा जा सका है ।
सरकार ने वन क्षेत्र को पूरी तरीके से अतिक्रमण मुक्त करने के लिए मुनादी भी करा दी गई है . खोरी गांव की सरदार कॉलोनी के साथ अन्य कॉलोनियों में रहने वालों को घर जाकर समझाया जा रहा है की आप इस जगह को छोड़ कर चले जाये। मंगलवार को मुनादी करने के बाद घरो के बाहर नोटिस चिपका भी दिया गया था।
बुधवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर नियुक्त अधिकारी खोरी गांव का जायजा लेने के लिए पहुंचे और लोगो को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माना है हर हाल में खोरी को तोडा जायेगा इसमें किसी की भी तरह की कोई ढील नहीं दी जाएगी ।
लोगो ने कहा – रहने की जगह दी जाए
खोरी गांव रहने वाले लोगो का कहना है की सरकार पहले उनके लिए वैक्लपिक जगह की व्यवस्था करें। कॉलोनी के लोगो का कहना है की इतने सालो से क्या प्रशासन नींद में सो रह था .
जो इतने दिन बाद हमे यंहा से हटाने के लिए जागा है. कॉलोनी में हम इतने समय रह रहे है.एक गज भी जमींन नहीं उधार नहीं ली गई है लाखो की जमींन खरीदी गई है।
भूमाफियाओं पर की जाए कार्यवाही
खोरी गाँव की रहने वाली शबाना ने कहा की जिन लोगो ने जमींन बेचीं है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए क्योंकि हमको यह जमींन बेचीं गई है जब से आदेश आये है तब से ही यहां पर उन लोगो पर कार्यवाही की मांग कर रहे है ।
यंहा पर रहने वाले लोगो का कहना है की भूमाफिया लोगो को अपने चंगुल मे फसाकर लोगो को जमींन बेचते है कार्यवाही करने के बाद भी बहुत सारे केस सामने आते है।
पैसे लेकर दे जाते है दिलासा
लोगो ने बताया कि की यह पर पुलिस आती है पैसे लेकर जाती है बोल जाती है की हम इस घर को नहीं तोडने देंगे। लेकिन आज जब से मुसीबत आई तब से यह लोग यंहा पर नहीं आये है यदि हम एक ईट भी लगते है तो उनको पैसे देते है . ना यंहा पर वो लोग आए जिन्होंने जमीन बेची है ।
पूरे जीवन की कमाई हमने यंहा लगाई है अब हमारे पास ना यहाँ कुछ है ना ही गांव में है गोविंद पूरी में किराये का घर था । यंहा पर घर मिला तो ले लिया