संघर्ष ज़िंदगी का एक हिस्सा है। आपकी संघर्ष से मुलाकात होती ज़रूर है। हमारे देश की एक बड़ी आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक खेती से परिवारों का जीवन यापन चलता है। खेती-बाड़ी के काम में महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। लेकिन उनके काम की बड़े पैमाने पर चर्चा नहीं होती और न ही मान्यता और पहचान मिलती है।
देशभर में अब यह सोच समाप्त होने लगी है कि खेती – बाड़ी बस नुकसान का सौदा है। अब समय बदल रहा है और आपार संभावनाओं से भरे कृषि क्षेत्र में प्रयोग कर एवं उद्योग से जोड़ कर महिलाएं कामयाबी की इबारत गढ़ रही हैं। एक ऐसी ही महिला उद्यमी हैं कर्नाटक की रहने वाली छाया नानजप्पा।
आपके जीवन में कोई मार्गदर्शक या गुरु भले न हो, लेकिन मधुमक्खी आपकी प्रेरणा हैं, तो आप सही राह पर हैं। छाया नानजप्पा फिलहाल मैसूर में रहती हैं। उनका सोशल इंटरप्राइज नेक्टर फ्रेश आज एक विश्वसनीय और प्रख्यात ब्रांड है। नेक्टर फ्रेश के शहद, प्राकृतिक कॉफी, जैम, बटर और एवोकाडो को लोग काफी पसंद करते हैं। देश के तमाम बड़े सुपर मार्केट्स और आउटलेट्स में इनकी बिक्री होती है।
भारत में आज अनेकों लोग खेती कर अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। छाया नानजप्पा बताती हैं कि आज के समय में मैरियट, आईटीसी, हयात, रैडिसन और वॉलमार्ट समेत आयुर्वेद से जुड़ी कंपनियों के लिए नेक्टर फ्रेश के प्रोडक्ट पहली पसंद बन चुके हैं।
छाया नानजप्पा बताती हैं कि पिता के मौत के बाद मेरे पास दो विकल्प थे। या तो मैं परिवार के लोगों पर निर्भर हो जाती या खुद का काम शुरू कर आत्मनिर्भर होने के साथ ही लोगों के लिए रोजगार का जरिया बनती।
आज इनकी सफलता से कई महिलाएं प्रेरणा ले रही हैं। उन्होंने खेती-किसानी से जुड़े उद्यम में हाथ आजमाया और आज सफलता के बुलंदियों पर हैं। वे नए-नए प्रयोग कर रही हैं। उनके प्रयासों से छोटे और जनजातीय किसानों को काफी लाभ मिल रहा है।