स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर से पहले सिरो सर्वे के जरिए यह जानने की कोशिश कर रहे है कि महामारी का द्वार बच्चों पर कितना प्रभाव रहा है। लेकिन यह सर्वे हरियाणा में मंगलवार से शुरू होना था, लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा इस सर्वे को शुरू करने के आदेश नहीं दिए गए। जिसकी वजह से इस सर्वे फिलहाल कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया है। वहीं अगली तारीख अभी तक बताई नहीं गई है।
सिरो सर्वे के इंचार्ज डॉ एस सी भगत ने बताया कि उच्च अधिकारियों के द्वारा आदेश आए थे कि मंगलवार से फरीदाबाद जिले के ऐसे इलाके में सिरो सर्वे करना था, जहां पर आबादी काफी संख्या में है। उनके द्वारा पूरी तैयारी भी कर ली गई थी।
लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा दोपहर बाद भी आदेश आ गए कि अभी सर्वे नहीं करना है और अगली तारीख की जानकारी कुछ दिनों के बाद बता दी जाएगी। जिसके चलते उनकी टीम के द्वारा यह सर्वे नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि इस सर्वे में 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों समेत लोगों में महामारी वायरस एंटीबॉडी के प्रसार की जांच करेगा। साथ ही ये राज्य के तीसरे दौर का सर्वे है।
यह सर्वे इकाइयों की स्थापना और अपस्केल सहित बच्चों की सेवाओं की योजना बनाने और उन्हें मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह सर्वे राज्य में अतिसंवेदनशील आबादी और क्षेत्रों को चिह्नित करेगा। जिससे इन इलाकों में वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी जा सके।
कैसे होता है सीरो सर्वे?
अज्ञात संक्रमणों के पैमाने का अध्ययन करने के लिए सीरो सर्वेक्षण के जरिए चुने गए लोगों से रक्त के नमूने लिए जाते हैं। एक सिरो सर्वे में रक्त के नमूनों का परीक्षण आईजीजी एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए किया जाता है, जो वायरस के कारण पिछले संक्रमण का निर्धारण करते हैं।
सिरो सर्वेक्षण ये निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि क्या कोई बीमारी समुदाय में फैल चुकी है। एक सीरोलॉजिकल सर्वे में आईजीजी एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख परीक्षण शामिल है। आईजीजी परीक्षण तीव्र संक्रमण का पता लगाने के लिए उपयोगी नहीं है, लेकिन यह अतीत में हुए संक्रमणों के एपिसोड की जानकारी देता है। वहीं इस परीक्षण को आईसीएमआर ने मंजूरी दी हुई है।