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झुग्गी – झोपड़ी वाले बच्चों को स्कूल तक लाने में इस आईएएस ने ऐसे निभाई अहम भूमिका, सब कर रहे तारीफ

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शिक्षा का महत्व इस संसार में सबसे बड़ा है। जो शिक्षित है वही अजय भी है। केरल के कन्नूर जिले में डीएम मोहम्मद अली ने पांच माह में ही अपने जिले को प्लास्टिक फ्री बना दिया। इसके लिए उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने बिल्कुल भी हार नहीं मानी। साल 2017 में कन्नूर ऐसा पहला जिला बन गया, जो पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री हुआ। अपने इस कारनामे की वजह से मोहम्मद अली लोगों के बीच में काफी फेमस हो गए।

उन्होंने प्लास्टिक फ्री पर काम तो किया लेकिन साथ – साथ एक ऐसा काम भी किया जिसकी ज़रूरत बहुत थी। मीर मोहम्मद अली का जन्म 19 फरवरी साल 1987 को हुआ। उन्होंने साल 2008 में बीएस क्रीसेंट इंजीनियरिंग कालेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। मोहम्मद अली बीई इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की।

झुग्गी - झोपड़ी वाले बच्चों को स्कूल तक लाने में इस आईएएस ने ऐसे निभाई अहम भूमिका, सब कर रहे तारीफ

उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलवाने में सबसे बड़ा योगदान दिया। मोहम्मद अली यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। यहां पर आकर उन्होंने राजनीति शास्त्र से एमए किया। साल 2010 में अली ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। अली का दूसरे प्रयास में 59वां रैंक हासिल हुआ। यूपीएससी की परीक्षा के बाद केरल के कंजीखोड जिले में अस्टिटेंट कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। साल 2013 में वह थ्रिसूर जिले में सबकलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। इसके बाद कन्नूर जिले में डीएम के पद नियुक्त हुए।

झुग्गी - झोपड़ी वाले बच्चों को स्कूल तक लाने में इस आईएएस ने ऐसे निभाई अहम भूमिका, सब कर रहे तारीफ

जहां भी उन्होंने काम किया है उस जगह के लोग उन्हें बहुत याद करते हैं। मोहम्मद अली से शहर को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त करने के अलावा स्लम के बच्चों को स्कूल तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कन्नूर जिले में लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते थे। मोहम्मद अली ने बच्चों के अभिभावकों को जागरूक किया। इसके बाद कई बच्चे स्कूल जाने लगे।

Mir Mohammad Ali

इतना ही नहीं उनका मकसद और भी बड़ा था। मोहम्मद अली ने सोशल मीडिया पर फैलने वाले दुष्प्रचार को लेकर भी काम किया। उन्होंने स्कूली बच्चों को भी इसके खिलाफ जागरूक किया।

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