केंद्र सरकार को किसानों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए शनिवार को गवर्नर के नाम ज्ञापन सौंपने के लिए पूरी जान फूंक दी। दरअसल, पूरे पंजाब से हजारों किसान मोहाली के रास्ते चंडीगढ़ पहुंचे तो हरियाणा के किसानों ने पंचकूला के रास्ते चंडीगढ़ में प्रवेश किया।
इसके बाद आंदोलन की शुरुआत हुई। आंदोलन करते हुए किसान चंडीगढ़ के करीब 6 से 7 किलोमीटर अंदर घुस गए। हालांकि, राजभवन के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
पंजाब के किसानों ने गवर्नर के नाम ज्ञापन चंडीगढ़ के डीसी मनदीप बराड़ को दिया और वहां से वापस लौट गए। किसानों का संयुक्त मोर्चे ने कहा था कि उनका मार्च शांतिपूर्ण रहेगा, पर कई जगहों पर किसानों ने बैरिकेड्स तोड़े और पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें कीं।
वहीं मोहाली से चंडीगढ़ में आते किसानों पर पुलिस ने पानी की बौछार की।इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान घायल भी हो गए।
किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को पास कर दिया है। इन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पिछले 7 महीने से ज्यादा समय से कहा जा रहा है, लेकिन कोई बात सुन नहीं रहा।
किसानों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए नहीं तो इसी तरह के प्रदर्शन जारी रहेंगे।
गौरतलब, पिछले लगभग साढ़े छह महीनों से सैकड़ों किसान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग रहे हैं। उन्होंने मन बना लिया है वह अपनी यह लड़ाई किसी भी सूरत में हारने नहीं वाले। चाहे उन्हे कितना लंबा सफर तय ही क्यों न करना पड़े।