खेत इंसान को बहुत कुछ देते हैं। अगर खेत ही न हों तो जीवन जीना भी असंभव है। ‘आम के आम गुठलियों के दाम’ वाली कहावत आपने जरूर सुनी होगी। कुछ किसानों पर यह कहावत लागू होती है। कई किसान ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ फार्म हाउस के जरिये लाखों कमा रहे हैं। फिल्ममेकर वैभव अरोड़ा को अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए हरे-भरे माहौल की जरूरत महसूस हुई तो उन्होंने इंटरनेट की मदद ली। सर्च में उन्हें पुणे से 160 किलोमीटर दूर एक ऑर्गेनिक फार्म हाउस मिला।
अपने खेत को आप फार्महॉउस में बदल सकते हैं। इसके ज़रिये आप पैसे भी काफी कमा सकते हैं। वह फॉर्म हाउस सत्यजीत और अजिंक्य हांगे नाम के दो भाई चला रहे हैं। इन दोनों भाइयों ने मोटी पगार वाली नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक फार्मिंग का रास्ता चुना है।
ऑर्गेनिक फार्मिंग की तरफ किसान लगातार बढ़ रहे हैं। पारंपरिक खेती छोड़कर किसान ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस बारे में अरोड़ा कहते हैं कि बड़े शहरों में हवा, पानी और भोजन पूरी तरह से दूषित हैं। हम जो खा रहे हैं, वह भी जहर सामान है। ऐसे में इस तरह की खेती का कॉन्सेप्ट अद्भुत है। अरोड़ा के अलावा कई लोग हैं जो इस तरह के फार्म हाउस की एक या दो दिन की बुकिंग करा रहे हैं।
खेती-बाड़ी में पिछले कुछ सालों के अंदर अनेकों बदलाव आये हैं। किसान नए – नए तरीकों से और फसलों से खेती में अपना भविष्य बना रहे हैं। इन फॉर्म हाउस में रुकने के दौरान लोगों को गौशाला में घूमने, जैविक सब्जियों, शहतूत और दूसरी जंगली खाने-पीने की चीजों का स्वाद चखने का अवसर मिलता है। कुछ दूसरे ऑर्गेनिक फार्म हाउस भी इसी तरह की सेवाएं दे रहे हैं। इनमें राजस्थान का तिजारा ऑर्गेनिक फार्म, नोएडा का प्रॉडगिल द फॉर्म्स, चेन्नई का द फार्म, दिल्ली का कृषि क्रेस और कोलकाता का एसआरसी फार्म्सआउटसाइड है।
पिछले कुछ सालों के दौरान देखने को मिला है कि पारंपरिक खेती से दूर हो कर किसान नए प्रयोग कर रहे हैं। इन प्रयोगों में उन्हें सफलता और मुनाफा दोनों मिल रहा है। इन फॉर्म हाउस में सभी उम्र के लोग मुफ्त में या पैसे देकर एंज्वाय कर रहे हैं। इसके जरिये लोग यह भी सीख रहे हैं कि एक खुशनुमा और स्वस्थ्य जिदंगी कैसे जी जाये।