सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो की यह है सच्चाई, स्कूल प्रबंधक पर लगे गंभीर आरोप

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सेक्टर- 37 स्थित डीएवी स्कूल की एक बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बच्ची पोस्टर के माध्यम से लोगों को स्कूल द्वारा की जा रही मनमानी के बारे में बता रही है।

दरअसल, वायरल वीडियो में बच्ची ने स्कूल संचालक पर आरोप लगाया है कि स्कूल की फीस ना भर पाने के कारण कई बार स्कूल संचालक ने उसके माता-पिता का अपमान करने के साथ स्कूल ने बच्ची का नाम भी ऑनलाइन क्लास से हटा दिया है। बच्ची ने अपनी वायरल वीडियो में बताया है स्कूल, न्यायालय, सरकार और अधिकारियों की मिलीभगत अभिभावकों पर भारी पड़ रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो की यह है सच्चाई, स्कूल प्रबंधक पर लगे गंभीर आरोप

वही आज स्कूल के बाहर भारी संख्या में अभिभावक इकट्ठे हुए तथा स्कूल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अभिभावकों की मांग है कि महामारी को ध्यान में रखते हुए स्कूल संचालक बच्चों से 3 महीने की फैसला लेकर केवल 1 महीने की फीस ले वही बच्चों को ऑनलाइन क्लास ग्रुप से बाहर ना निकाला जाए।

संबंधित मामले को लेकर सेक्टर- 37 स्थित डीएवी स्कूल संचालक दीप्ति जागोता ने सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रही वीडियो को खारिज किया है। उस बच्चे के अभिभावकों ने अप्रैल माह में ही आगामी 3 माह की फीस स्कूल में जमा करवा दी थी। उन्होंने कहा है कि जिस बच्ची की वीडियो वायरल हो रही है उसने स्कूल द्वारा संचालित होने वाले सारे ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के साथ, सारे टेस्ट भी दिए है और बच्ची को कभी भी कक्षा से बाहर नहीं किया है। हालांकि, स्कूल ने बच्ची की पहचान कर ली है और कल संबंधित मामले को लेकर बच्ची और उसके अभिभावकों से बातचीत की जाएगी।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो की यह है सच्चाई, स्कूल प्रबंधक पर लगे गंभीर आरोप

जब इस विषय में बच्चे के अभिभावक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची की फीस जमा है परंतु उन्होंने यह वीडियो प्रतीकात्मक तौर पर बनाई है। बच्ची के बहुत सारे दोस्तों को फीस ना भरने के चलते ग्रुप से बाहर निकाल दिया गया है, ऐसे में उन बच्चों की आवाज बनकर इस वीडियो को बनाया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी पहुंची मौके पर
इस मामले में संज्ञान लेते हुए आज जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी स्कूल पहुंची तथा स्कूल प्रिंसिपल दीप्ति जागोता को बच्चों को ग्रुप से बाहर ना निकालने के आदेश दिए।