हुनर आपको सफलता के शिखर तक पंहुचा सकता है। बस आपको सकारात्मक रहना होगा। कभी हार नहीं माननी चाहिए। गणेश आचार्य जब 10 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई और गणेश के सिर से पिता का साया हमेशा-हमेशा के लिए उठ गया। गणेश के पिता का नाम कृष्णागोपी आचार्य था जो कि एक ग्रुप डांसर हुआ करते थे।
छोटी सी उम्र में पिता को खो देना का गम और गरीबी में जन्में की यादें अभी भी उन्हें याद है। वह सालों से कई सितारों को डांस सिखा रहे हैं और किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने कई फिल्मों में हिट गानों को कोरियोग्राफ किया है। फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के गाने ‘गोरी तू लट्ठ मार’ गाने के लिए उन्हें बेस्ट कोरियोग्राफी का नेशनल अवॉर्ड भी दिया जा चुका है। इतनी सफलता हासिल करने के लिए गणेश ने तगड़ी मेहनत की है।
जब तक आप कड़ी मेहनत नहीं करते हैं तब तक कुछ हासिल नहीं होता है। आपको निरंतर प्रयास करने होते हैं। उन्होंने बहुत संघर्ष के बाद बॉलीवुड में जगह बनाई है और ये मुकाम हासिल किया है। आपको बता दें कि गणेश का संघर्ष बचपन से ही शुरू हो गया था। गणेश जब 10 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई और गणेश के सिर से पिता का साया हमेशा-हमेशा के लिए उठ गया। गणेश के पिता का नाम कृष्णागोपी आचार्य था जो कि एक ग्रुप डांसर हुआ करते थे।
किसी भी बड़े मुकाम को हासिल करने के लिए काफी संघर्षों का सामना करना पड़ता है। गणेश जब छोटे थे तो वह पिता को घर में अक्सर डांस करते देखते थे और इसी वजह से उन्हें भी डांस से लगाव हो गया। पिता की मौत के बाद मुंबई के सांताक्रूज इलाके में झुग्गी बस्ती में जीवन गुजारना बेहद मुश्किल हो गया। गरीबी के कारण खाने तक की समस्या होने लगी थी। तब गणेश को समझ आया कि जिंदा रहने के लिए उन्हें पैसा कमाना पड़ेगा इसलिए वह भी कभी ग्रुप डांसर के तौर पर तो कभी जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम करने लगे।
समय बदलते वक्त नहीं लगता। बस आपको कड़ी मेहनत से लगातार प्रयास करते रहने चाहिए। अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है।