भारत देश की बढ़ती आबादी देश में अनेक समस्याओं का कारण बनती जा रही है ऐसे में जनसंख्या बढ़ने की वजह से पानी की खपत भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है लेकिन जमीन में पानी का स्तर धीरे धीरे बढ़ने की जगह गायब होता जा रहा है ऐसे में सबसे अधिक समस्या देखने को मिलते हैं देश की राजधानी दिल्ली में लेकिन हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार के बीच बातचीत के बाद लिए गए इस फैसले से हम दिल्ली वाले प्यासे नहीं रहेंगे।
दिल्ली में हो रही पानी की किल्लत अब खत्म होने की उम्मीद है हरियाणा से छोड़ा गया 16 हज़ार क्यूसेक पानी शुक्रवार को दिल्ली पहुंचाया गया । दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा में शुक्रवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण की और हरियाणा से पानी आने के बाद स्थिति का जायजा भी लिया इस फैसले के बाद दिल्ली के रहने वाले लोगों को पानी की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा।
इस दौरान चड्डा ने कहा कि कुछ ही दिन पहले जब हम यहां आए थे , तो सूखी हुई यमुना नदी दिखाई दे रही थी यमुना नदी इतनी सूख गई थी कि यहां पर हॉकी और क्रिकेट जैसे खेल के मैदान नजर आने लगे थे। दिल्ली वालों का गला भी सूखने लगा। दिल्ली वालों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया यह कहकर उन्होंने यह भी बताया की कोर्ट के माध्यम से नदी का स्तर जाना था और पूरी यमुना नदी का निरीक्षण किया । अब हरियाणा सरकार ने आखिरकार दिल्ली के हक का पानी छोड़ दिया है।
हालाकि हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान पिछले कुछ दिनों पहले आया में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि तुमसे दिल्ली नहीं संभाली जा रही तो दिल्ली हमें दे दीजिए। लेकिन अब हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली के लिए पानी छोड़ दिया गया है।
साढ़े 7 फीट नीचे गिरा गया था जल का स्तर राघव चड्ढा ने बताया कि यमुना नदी के माध्यम से 16000 क्यूसेक पानी को दिल्ली पहुंचाने में 3 दिन लगे दिल्ली में यमुना नदी का स्तर सड़े सात फुट नीचे गिर गया था । विकास दर 667 सीट पर था वह वापस 674.5 फीट पर आ गया हिसाब से जल शोधन करके लोगों के घरों तक पानी पहुंचा रहा है ।
दूसरे राज्यों पर निर्भर है राजधानी
देश की राजधानी दिल्ली पानी की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है दिल्ली में कई दशक पहले पड़ोसी राज्यों के साथ संधियां साइन की है । इसके अलावा आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है । हरियाणा सरकार जमुना नदी के माध्यम से और पंजाब की सरकार भाखड़ा नागल से बालों को निर्धारित पानी देगी ।
हरियाणा सरकार पर लगाए है ये आरोप
चड्ढा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में तय किया था कि हरियाणा को इतना पानी रोजाना दिल्ली को देना है. उसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए हरियाणा सरकार 120 एमजीडी प्रतिदिन दिल्ली को नहीं दे रहा था. इससे पानी प्लांटों की क्षमता 40 से 50 फीसदी तक कम होती जा रही थी. दिल्ली में वजीराबाद पोंड पर यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, जबकि यह घटकर 667 फीट पर आ गया था. यानी नदी सूख गई थी. पानी कम मिलने की वजह से चंद्रवाल उपचार जल संयंत्र की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी, वजीराबाद प्लांट की 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी और ओखला प्लांट की 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई थी.’