अमेरिका ने शुरु किया चीन के साथ युद्ध, भेजा अपना सैन्य लड़ाकू विमान :- ताइवान द्वीप के ऊपर मंगलवार 9 जून को अमेरिकी ट्रांसपोर्ट प्लेन के उड़ान भरने के कुछ घंटे बाद ही चीन ने पूरे ताइवान में लड़ाकू विमान भेज दिया। इससे क्षेत्र में कूटनीतिक और सैन्य तनाव काफी बढ़ गया है।
इसके जवाब में ताइपे ने भी अपने जेट के जरिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एयर फोर्स को चेतावनी दी है। रक्षा मंत्रालय के हवाले से ताइवान ने यह रिपोर्ट जारी कर अमेरिका को चेतावनी दी है।
इसके साथ ही ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस निर्मित सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को इलाका छोड़ने की चेतावनी दी गई और बाद में ताइवान एयर फोर्स के जेट ने घुसपैठियों चीनी विमान को दूर भागने पर मजबूर कर दिया है ।
मंत्रालय ने कहा,
“सेना ने आज सुबह कई सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को दक्षिण-पश्चिम ताइवान में उड़ान भरते हुए पकड़ा है। इसके तुरंत बाद ही हमारे एयर फोर्स के जेट ने उनका रास्ता रोक दिया और फिर रेडियो चेतावनी के द्वारा उन्हें भगा दिया गया।”
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रक्षा मंत्रालय ने आगे बताया,
“हमारी सेना ताइवान के समुदी और हवाई इलाकों की हमेशा निगरानी करती है और यह पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है। इसके साथ ही जनता इस बात को लेकर हमारा भरोसा कर सकती है कि राष्ट्रीय क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने में हम सक्षम हैं।”
चीन के साथ युद्ध :- मंगलवार सुबह को एक अमेरिकी सी-40 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को ताइवान के पश्चिम तटीय इलाके के ऊपर उड़ान भरते देखा गया था। इसने जापान के ओकीनामा एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी और बिना लैंड किए ताइवान के ऊपर लगातार उड़ान भरता रहा।
ताइवान में दिनभर चले इस घटनाक्रम के बारे में चीन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बीजिंग दावा करता है कि ताइवान में स्वशासित लोकतंत्र ने क्षेत्र में संबंधों को तोड़ने का काम है।
उसने कभी भी इस बात से इनकार नहीं किया है कि वो इस द्वीप को हासिल करने के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं करेगा। हाल ही में वॉशिंगटन का ताइपे के साथ टॉरपीडो बेचने का सौदा हुआ है, जिसके बाद क्षेत्र में चीन, ताइवान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने यह प्रयास ताइवान पर दबाव बनाने के लिए किया था। क्योंकि आज ही एक अमेरिकी नौसेना परिवहन जेट ने ताइवान से सीधे उड़ान भरी थी।
हालांकि इनको देखते ही ताइवान की वायु सेना अलट हो गई और उन्होंने जवाब देने के लिए अपने लड़ाकू विमानों को तुरंत रवाना कर दिया।
इससे पहले इसी साल चीनी सैन्य विमानों की उपस्थिति 23 जनवरी, 9 फरवरी, 10 फरवरी, फरवरी 28, 16 मार्च, 10 अप्रैल, 8 मई और 16 मई को ताइवान के हवाई क्षेत्र में दर्ज की गई।
चीन के विमानों ने 10 सितंबर को ताइवान जल क्षेत्र और द्वीप राष्ट्र के हवाई क्षेत्र को भी पार किया। चीनी इस तरह की हरकत ज्यादातर तभी करता है जब ताइवान के हवाई क्षेत्र के आसपास अमेरिकी सैन्य जेट देखा जाता है।
हालांकि चीन की इन्हीं हरकतों का जवाब देने के लिए ताइवान जल्द ही एक एयर ड्रिल करने जा रहा है, जिसमें वह अत्याधुनिक हथियारों के साथ अपनी देश के हवाई क्षेत्र को भी मजबूत करेगा।
मंत्रालय ने कहा कि चीन की इस हरकत के बाद देश के आसपास के हवाई क्षेत्र की बारीकी से निगरानी रखी जा रही है और द्वीप की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं। इस साल यह नौवीं बार हैं, जब चीनी सैन्य विमानों को ताइवान के हवाई क्षेत्र के करीब देखा गया है।
Written by- Prashant K Sonni