HomeUncategorizedपोते की दादा से न हो मुलाकात इसलिए मां ने पैरों में...

पोते की दादा से न हो मुलाकात इसलिए मां ने पैरों में जंजीर डाल लगा दिया ताला, जाने पूरा मामला

Published on

आजकल हम रोज कोई न कोई अजीबोगरीब घटना सुनते ही रहते है। आज का मामला भी कुछ ऐसा ही है आज की घटना फिरोजाबाद के शिकोहाबाद की है। यहां एक मां ने अपने ही 7 साल के बेटे के पैरों में जंजीर डालकर ताला लगा दिया।

दरअसल, 7 साल का बच्चा अपने दादा से मिलने की जिद कर रहा था। वहीं बच्चे की नाराज मां ने उसके पैरो में जंजीर डाल दी। जब ये बात दादा को पता चली तो वह बच्चे को लेकर थाने पहुंच गए। आइए अब इस मामले को थोड़ा विस्तार में जानते हैं।

पोते की दादा से न हो मुलाकात इसलिए मां ने पैरों में जंजीर डाल लगा दिया ताला, जाने पूरा मामला
पोते की दादा से न हो मुलाकात

शिकोहाबाद के रूकनपुर निवासी रफीसउद्दीन के बेटे रहीसुद्दीन की साढ़े तीन महीने पहले मौत हो गई थी। जिसके बाद रहीसुद्दीन शबनूर तीन बेटी और दो बेटे जियान और युनुस को लेकर मायके औरैया चली गई थी। और वहां वह अब अपने बच्चों के साथ रहने लगी।

दादा के मुताबिक उनका छोटा पोता जियान दादा-दादी से मिलने के लिए आ जाता था। इसी बात से नाराज़ मां और बच्चों के बीच कहा सुनी भी हुई। और मां बच्चों की पिटाई कर देती थी। अभी कुछ समय पहले जब उनके पोते ने वापस अपने दादा से मिलने की जिद की तो मां ने उसके पैरो में जंजीर डालकर ताला लगा दिया।

पोते की दादा से न हो मुलाकात इसलिए मां ने पैरों में जंजीर डाल लगा दिया ताला, जाने पूरा मामला
मां ने पैरों में जंजीर डाल लगा दिया ताला

जब यह पूरी वारदात दादा को पता चली तो वह उनके घर गए। और काफ़ी हंगामे के बाद किसी तरह अपने पोते को जंजीर से छुड़ाया और थाने ले गए। दादा ने बताया कि मुझे बच्चों ने ही बताया कि बहू ने मेरे पोते के पैर में जंजीर बांध दी है।

यह खबर सुनते ही वह मौके पर पहुंचा। अब पुलिस से वह इंसाफ मांगने थाने आए हैं। आपको बता दे की पुलिस थाने में शिकायत होने के बाद पुलिस अब कार्यवाही व पूछताछ कर रही है।

पोते की दादा से न हो मुलाकात इसलिए मां ने पैरों में जंजीर डाल लगा दिया ताला, जाने पूरा मामला

रहीसुद्दीन और शबनूर की शादी करीब 11 साल पहले हुई थी। शादी के बाद वह अपने पति के घर में रहती थी। करीब साढ़े तीन महीने पहले अचानक पति की तबियत ज्यादा खराब होने लगी और मौत हो गई। रहीसुद्दीन नगर पालिका शिकोहाबाद में नौकरी करता था।

शबनूर पति के स्थान पर अपनी नौकरी लगवाने की कोशिश कर रही है। जबकि मृतक का पिता पोते के 18 वर्ष पूरे होने पर उसकी नौकरी और पेंशन अपने नाम कराना चाहता है। इसी बात को लेकर बहू और ससुर के बीच विवाद चल रहा है। यही वजह थी कि शबनूर अपने बेटे को दादा से मिलने से हमेशा मना किया करती थी।

Latest articles

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध...

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व...

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

More like this

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध...

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व...