दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

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फरीदाबाद: महिलाये कितनी कुशल है इस बात के बहुत सारे सबूत है इसका जीता जगता उदहारण है खोरी प्रकरण जिसकी कमान दो महिला अधिकारियो ने संभाली है एक के पास अनुभव है दूसरी के पास कानून व्यवस्था है दोनों की सूझबूझ से खोरी गांवप्रकरण को अंजाम दिया है

आपको विदित होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के बाद (khori )गांव तोड़फोड़ के आदेश जारी हो गए इसकी जिम्मेदारी faridabad की दो महिला अधिकारियों को दी गई फरीदाबाद नगर निगम कमिश्नर गरिमा मित्तल और एनआईटी डीसीपी डॉ अंशु सिंगला को जिम्मेदारी दी गई।

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

जिसमे निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल को खोरी गांव में होने वाले तोड़फोड़ की जिम्मेदारी दी गई तो एनआईटी डीसीपी डॉ अंशु सिंगला को तमाम कानूनी व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी मिली । दोनों के लिए यह प्रोजेक्ट चुनौती पूर्ण था क्योंकि वक्त की मियाद कम और काम बहुत था

इसके बाद निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल ने जाकर पूरे खोरी गांव का जायज़ा लिया इस दौरान जिला उपायुक्त यशपाल यादव भी उनके साथ रहे।

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए पूरा जोर लगाया गया सबसे पहले माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई जिसके तहत जिला प्रशासन पुलिस व राज्य की अलग-अलग एजेंसियों के सहयोग से गैर कानूनी तौर से रह रहे निवासियों से यह अनुरोध किया गया कि वह वहां से पलायन करना शुरू कर दें

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

इसके लिए समाचार पत्रों पब्लिक नोटिस प्रेस कॉन्फ्रेंस व घर घर जाकर भी लोगों से यह आग्रह किया गया की वह अपने सामान के साथ तुरंत यहां से पलायन कर जाएं

निगमायुक्त होने के नाते मिली जिम्मेदारी

प्रशासन ने ड्रोन के माध्यम से पूरे इलाके का जायजा लिया जिससे तोड़फोड़ की योजना बनाई जा सके जिसमें यह पता चला की कुल 6663 यूनिट जमीन की खपत पाई गई लोगों को मकान खाली करने के लिए अच्छी खासी मोहलत दी गई वह राधा स्वामी परिसर में कोविड-19 टेस्ट व भोजन की व्यवस्था भी की गई तोड़फोड़ की निगरानी ड्रोन द्वारा की जाएगी वह मीडिया को एक सुरक्षित स्थान तक ही अनुमति दी जाएगी

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इसके अलावा एंबुलेंस व स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था भी की जाएगी सबसे पहले सभी गैर कानूनी बिजली कनेक्शन व मोबाइल टावरों को हटाया गया इसके बाद प्रशासन की मदद से ट्रक की व्यवस्था की गई जिससे लोगों का सामान इधर से उधर से जाया जा सके 23 जून 2021 को ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम के सहयोग से स्थानीय पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ नगर निगम की जमीन गैर कानूनी रूप से बेचने के लिए केस दर्ज कराया गया 14 जुलाई 2021 को प्रशासन ने पूरी वासियों के पुनर्वास के लिए एक योजना बनाई

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जिसके तहत डबुआ कॉलोनी में बनाए गए फ्लैट्स को उन्हें देने का फैसला किया गया तोड़फोड़ शुरू होने से पहले इस चीज का पूरी तरीके से ख्याल रखा गया कि किसी भी तरह का मानवीय नुकसान ना हो व इस योजना में दिल्ली सरकार की भी सहयोग लिया गया 8 जुलाई 2021 को निगमायुक्त गरिमा मित्तल डीसीपी के साथ सुबह 6:00 बजे खोरी का दौरा किया लोगों से आखरी बार आग्रह किया कि वह माननीय कोर्ट के आदेशों की पालना करें व घरों से पलायन करें इसके बाद 20 तारीख तक तोड़फोड़ की कार्यवाही को अंजाम दिया गया

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निगमायुक्त गरिमा मित्तल ने हर रोज अपनी देखरेख में अपनी निगरानी में तोड़फोड़ की कार्यवाही को मॉनिटर किया वाह रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से मानवता के अधिकारों पर खोरी वासियों के लिए थाना व रहने की व्यवस्था की गई 20 तारीख तक 73 एकड़ जमीन खाली करा दी गई इसके अलावा 70% लोग जो उस इलाके में रह रहे थे वह पलायन कर गए हैं और किसी की भी जान मान की कोई खबर नहीं है यह सब बातें निगमायुक्त गरिमा मित्तल ने कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में कहीं

कानून व्यवस्था बनाने के साथ और भी थी जिम्मेदारी

माननीय कोर्ट द्वारा खोरी की मुख्यतः सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी डीसीपी डॉ अंशु सिंगला के कंधों पर डाली गई थी इसमें सभी अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शामिल थी इसके अलावा कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी उनकी ही जिम्मेदारी थी इसके अलावा किसी भी तरह की जान माल की हानि ना हो इसे भी पूरी तरीके से सुनिश्चित करना था इसके अलावा वहां नियुक्त की गई महिला अफसरों के लिए शौचालय वगैरह की व्यवस्था भी बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी

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इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 नियमो का पालन करना एक अलग चुनौती बनकर सामने आया पुलिस प्रशासन की ओर से है पूरी कोशिश थी कि ना तो वहां मौजूद अधिकारियों को वहां रहने वाले लोगों को व पुलिस प्रशासन में से किसी को भी महामारी से जूझना ना पड़े डॉ अंशु सिंगला डॉक्टर गरिमा मित्तल दोनों डॉक्टर होने के नाते इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि महामारीको रोकना कितना जरूरी है

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

इसके अलावा डॉ अंशु सिंगला एक काबिल पुलिस अफसर होने के साथ-साथ एक मां भी हैं इस पूरे अभियान को तैयार करते दौरान उन्हें अपने परिवार का भी ध्यान रखना था सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी खोरी प्रकरण की प्रक्रिया बेहद थकाने वाली थी उन्होंने बताया कि इस जल योजना को सफल बनाने की विस्तृत व्यवस्था संचालन व्यवस्था सभी का जिम्मा उन्हीं को सौंपा गया था

उन्होंने यह भी बताया कि इतना बड़ा प्रोजेक्ट फरीदाबाद कमिश्नर ओपी सिंह के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता था किसी भी तरह की जान माल की हानि के बिना लोगों को विनम्रता पूर्वक वहां से पलायन करवाना डॉ अंशु सिंगला के हिसाब से सबसे बड़ी चुनौती थी

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

इसके अलावा डॉ अंशु सिंगला ने यह भी बताया कि डॉक्टर गरिमा मित्तल के साथ उनका तालमेल बहुत बेहतरीन रहा वह महिला होने के कारण उन्होंने सभी परेशानियों को समझा व इस प्रोजेक्ट में उनका पूरा सहयोग दिया इसके अलावा डॉ अंशु सिंगला ने मीडिया का भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने प्रशासन के संदेश जनता तक बहुत ही कम समय में और स्पष्ट तरीके से लोगों तक पहुंचाएं

खोरी के बारे में बात करते हुए डॉ अंशु सिंगला काफी भावुक हो गई उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस समय दमदार भूमिका निभाई है पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मी भी इस बड़े प्रोजेक्ट में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है उस समय पर उन सभी का नेतृत्व करते हुए मेरी जिम्मेदारी बन जाती है कि मैं हर उस व्यक्ति का ध्यान रखूं जो मेरे साथ यहां पर इस समय ड्यूटी कर रहा है महिला पुलिस कर्मियों के साथ भी अनेकों परेशानियां हुई उनके लिए भी यह चुनौतीपूर्ण था

दो महिला अधिकारियो ने संभाली खोरी की कमान, अनुभव और कानून व्यवस्था के दम पर असंभव काम को कर रही है संभव

सुबह 4:00 बजे से उठकर सभी पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाते थे गर्मी नहीं देखी बारिश नहीं देखी बस अपनी ड्यूटी को महत्वपूर्ण समझा . महिला पुलिस कर्मियों के सामने कुछ चुनौतियां और भी थी उसका भी ध्यान रखना था जैसे कि महिलाओं के लिए मोबाइल टॉयलेट्स उपलब्ध कराना, उन्हें और किसी चीज की परेशानी ना हो इसकी जिम्मेदारी भी मेरी ही थी।

कई बार पुलिस को क्रूर समझा जाता है लेकिन अपनी ड्यूटी के दायरों में इंसानियत को भी जिंदा रखते हुए पुलिसकर्मियों ने खोरी गांव वासियों के लिए खाने की व्यवस्था की तथा उनका सामान उठाने में उनकी मदद भी करी है ।