किसान परिवारों को गोबर गैस प्लांट का मिल रहा है भरपूर फायदा, इतने परिवार उठा रहे हैं लाभ

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गोबर गैस प्लांट किसान परिवारों के लिए इन दिनों फायदे का सौदा बन रहा है। कैथल में इस समय 1000 किसान परिवार बायोगैस प्लांट का लाभ उठा रहे हैं।

गोबर गैस प्लांट से तैयार होने वाली गैस से परिवारों का चूल्हा जल रहा है एक समय का नहीं बल्कि दोपहर रात का भोजन भी इन परिवारों की महिलाएं तैयार कर रही हैं। के अलावा जो बेस्ट डिस्को बर है वह भी खेतों में खाद के रूप में प्रयोग हो रहा है।

किसान परिवारों को गोबर गैस प्लांट का मिल रहा है भरपूर फायदा, इतने परिवार उठा रहे हैं लाभ


यह प्रोजेक्ट 50 हजार रुपये में तैयार होता है, इस पर सरकार 12 हजार रुपये सब्सिडी का लाभ किसानों को देती है। घर में चार से पांच पशुओं के करीब 25 किलो गोबर से करीब पांच से छह किलो गैस एक दिन में तैयार होती है।

इस गैस से एक दिन का भोजन चूल्हे तैयार किया जाता है। प्लांट से गैस सीधे रसोई घर में पाइप के जरिए पहुंचाई गई है। अब एलपीजी गैस सिलेंडर के भाव 850 रुपये तक पहुंच गए हैं, ऐसे में सरकार की यह योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।



रोजाना 25 किलो गोबर डालकर बनाई जाती है गैस
किसान जोरा सिंह बताते है कि घर में 24 लोगों का परिवार है। घर की महिलाएं बायो गैस से ही रसोई में खाना पकाती है। गोबर गैस प्लांट में अभी तक किसी प्रकार की समस्या नहीं आई है।

किसान परिवारों को गोबर गैस प्लांट का मिल रहा है भरपूर फायदा, इतने परिवार उठा रहे हैं लाभ

इसके लिए रोजाना 25 किलो गोबर डालकर गैस बनाई जाती है जो दोनों समय चल जाती है। हर माह गैस सिलेंडर नहीं लेना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर साल भर मात्र एक या दो सिलेंडर ही लेते है। बायो गैस से पूरी तरह गैस का काम करता है।


बायोगैस से ये फायदे
– गांव में लकड़ी के लिए महिलाओं को नहीं जाना पड़ता है।
– – – महिलाओं को चूल्हा फूंकने से छुटकारा मिलता है।
– चूल्हे के धुंए से छुटकारा दिलाकर कम समय में खाना तैयार होता है।
– – – घर पर ही गोबर उपलब्ध हो जाता है।
– मार्केट से गैस सिलेंडर भी नहीं खरीदना पड़ता है।

किसान परिवारों को गोबर गैस प्लांट का मिल रहा है भरपूर फायदा, इतने परिवार उठा रहे हैं लाभ

एडीओ सज्जन सिंह ने बताया कि गोबर गैस प्लांट किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 12 हजार रुपये किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। समय- समय पर जागरूक कैंप लगाए जा रहे हैं।’