विश्व की नंबर रैंकिंग वाले बाक्सर अमित पंघाल के साथ उनके कोच ना जाना पाना कही न कही उनकी हार का कारण बना, ऐसा कहना ओलिंपियन बाक्सर मनोज कुमार और उनके कोच राजेश का है। ओलिंपियन बाक्सर मनोज कुमार ने कहा कि हमारे मुक्केबाजाें की फिटनेस बरकरार रखने में मुक्केबाजी सपोर्टिंग स्टाफ असफल रहा।
हमारी मेडल की उम्मीद वर्ल्ड नंबर वन अमित पंघाल को कहीं न कहीं पर्सनल कोच की कमी खली है। वह साथ होते तो रिजल्ट कुछ और होता और एक और मेडल इंडिया की झोली में होता। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में भारतीय मुक्केबाजों और अन्य खेलों में कमजोर प्रदर्शन के लिए सपोर्टिंग स्टाफ के अभाव को जिम्मेदार ठहराया है।
उनके कोच राजेश कुमार ने ट्वीट किया कि देश से बाहर खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम रखना सबसे गलत निर्णय था। ऐसे माहौल में हम देश में रहकर ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। टोक्यो ओलिंपिक में मुक्केबाजों की हार के जिम्मेदार परफार्मेंस डायरेक्टर और चीफ कोच हैं।
इसी ट्वीट में राष्ट्रीय बाक्सर मुकेश कुमार ने जवाब दिया है कि इस हार के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होनी चाहिए। देश ने एक मेडल खो दिया है।
कोच राजेश कुमार ने कहा कि अमित पंघाल ने कई बार निवेदन किया कि उनके कोच को साथ भेजा जाए, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। बचपन से जो कोच बाक्सर को सिखाता है, उसके हर एक मूव को समझता है, खेल के दौरान उसकी मौजूदगी मनोबल भी बढ़ाती है।
विश्व की नंबर रैंकिंग वाले बाक्सर अमित पंघाल के साथ करना सही नहीं था। छठी रैंकिंग वाले बाक्सर विकास कृष्णन चोटिल हो गए।
यह फिटनेस का अभाव दर्शाता है, जिसके पीछे भी सपोर्टिंग स्टाफ की कमी दिखती है। माणिक बत्रा और मनु भाकर के केस में भी यही हुआ। राजेश ने कहा कि रियो ओलिंपिक से हमें सीख लेनी चाहिए थी।