युवाओं द्वारा सबसे ज्यादा इंटरनेट चलाने के लिए गूगल क्रोम वेब ब्राउजर का ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब एक रिसर्च के अनुसार इस वेब ब्राउज़र से सावधान रहने की जरूरत है आपकी जानकारी के लिए बता दें की बढ़ती टेक्नॉलॉजी के साथ-साथ शार्ट की घटनाएं भी बढ़ती जाती है।
ऐसे में बहुत सारे लोग अब साइबर ठग बनकर लोगों की जेब खाली कर रहे हैं, जिसके चलते किसी भी चीज पर विश्वास करना काफी मुश्किल साबित होने लगा है। ऑनलाइन बैठे युवाओं के साथ कब तक हो जाए इसके बारे में कोई नहीं जानता सबसे ज्यादा इंटरनेट युवाओं द्वारा ही चलाया जाता है और गूगल क्रोम जैसे वेब ब्राउज़र का भारत के अंदर बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है।
वैसे तो बाजारों में और भी प्रकार के व्यव ब्राउज़र मौजूद है लेकिन गूगल क्रोम सबसे लोकप्रिय माना जाता है और यह बाकियों के मुकाबले काफी अच्छी सुविधाएं प्रदान करता है इसलिए युवाओं द्वारा इस वेब ब्राउज़र का काफी हद तक इस्तेमाल किया जाता है।
युवाओं में भी गूगल क्रोम बहुत लोकप्रिय माना जाता है अक्सर मोबाइल फोन में यह प्रीइंस्टॉल्ड वेब ब्राउज़र मिलता है क्योंकि मोबाइल फोंस में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल वालों का है ऐसे में मोबाइल में प्रीइंस्टॉल्ड गूगल क्रोम मिलता है लेकिन बढ़ते अपराध के चलते गूगल क्रोम के नए एंड्रॉयड मैलवेयर की पहचान की गई है यहीं मैलवेयर साइबर हमलों के पीछे जिम्मेदार है।
सरल भाषा में बोले तो यह एक नकली गूगल क्रोम का ऐप है जो युवाओं के फोन में काफी देखने को मिल रहा है इस नकली मोबाइल ऐप को काफी संख्या में डाउनलोड भी किया गया है। मिली जानकारी की माने तो नकली क्रोम ब्राउज़र को ब्रेकिंग डिटेल चोरी करके बनाया गया है। इसलिए इससे सावधान रहने की ज़रूरत है, नहीं तो आपका सारा डाटा, पर्सनल जानकारियां कोई चुरा सकता है और आपका बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता है, इसलिए समझ जाइए और सावधान भी हो जाइए।