फरीदाबाद की बेटी का कमाल: स्वार्ड ऑफ ऑनर जीतने वाली पहली महिला IPS बनी रंजीता शर्मा

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देश के कई युवाओं का सपना होता है upsc की परीक्षा के सफल होना ।ये इम्तिहान इतना मुश्किल होता है की लोगों की जिंदगियां निकल जाती है लेकिन इम्तिहान नही, मगर फरीदाबाद में रहने वाली रंजीता शर्मा ने अपने सपनों को पूरा कर समाज में एक मिसाल बन चुकी है ।आज हमारे इस लेख में आप ips रंजीता शर्मा के बारे में जानेंगे कैसे स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जीतने वाली पहली महिला बनी ।

बचपन से ही रंजीता शर्मा यूपीएससी की तैयारियों में जुट गई लेकिन 2006 से उन्होंने निजी कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था । UPSC-2018 में रंजीता शर्मा को 130 रैंक प्राप्त हुई थी और इसके साथ ही उनका आईपीएस बनने का सपना पूरा हो गया था।

फरीदाबाद की बेटी का कमाल: स्वार्ड ऑफ ऑनर जीतने वाली पहली महिला IPS बनी रंजीता शर्मा

जानकारी के लिए बता दें, रंजीता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके दोस्त शादी कर रहे थे, लेकिन वो यूपीएससी की तैयारी में लगी हुई थी। कई प्रयास के बाद भी उनका यूपीएससी में चयन नहीं हो पा रहा था।आखिरी प्रयास में रंजीता शर्मा का यूपीएससी में चयन हो पाया।

इन पदक पर जमाया हक

रंजीता मूल रूप से हरियाणा के डहीना की रहने वाली हैं लेकिन रहती हरियाणा के फरीदबाद जिले में हैं। हाल ही में ट्रेनिंग के दौरान मिलने वाला आईपीएस एसोसिशन का स्वार्ड ऑफ ऑनर सम्मान से रंजीता शर्मा को नवाजा गया है। साथ ही साथ ये सम्मान पाने वाली रंजीता शर्मा पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गई है। आमतौर पर ये सम्मान आउट डोर ट्रेनिंग की परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाता है। आइपीएस बैच 2019 आरआर-72 में देश भर से कुल 144 प्रशिक्षु अधिकारी हैं। वहीं, कुल 50 ट्रॉफी में से 8 ट्रॉफी रंजीता शर्मा ने अपने नाम की हैं।

प्रधानमंत्री से खास बात चीत

फरीदाबाद की बेटी का कमाल: स्वार्ड ऑफ ऑनर जीतने वाली पहली महिला IPS बनी रंजीता शर्मा

दीक्षांत समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों के बैच को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने रंजीता से पूछा था कि आप योग में रुचि रखती हैं और पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती थीं, लेकिन पुलिस सेवा में कैसे आई? इस पर रंजिता ने बताया कि आईटी फील्ड में करीब 9 साल कार्य किया। लेकिन कुछ ऐसा करना चाहती थी, जिसका असर तुरंत देखने को मिले और समाज के करीब जाकर कार्य कर सकूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रंजीता को एक सलाह दी कि ड्यूटी के अलावा हफ्ते में एक घंटा वह गर्ल्स स्कूल में जाकर छात्राओं को भी प्रेरित करें।

समाज में एक नई प्रेरणा बनकर उभरी है रंजीता शर्मा उनके इस हौसले को देख समाज की कई महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी की यदि आप किसी कार्य में विफल हो जाए तो उसे निरंतर प्रयास से पूरा कर सकते है इसलिए कभी भी हार न माने, हमारी टीम की ओर से रंजीत शर्मा को उनके इस मुकाम तक पहुंचने पर बधाइयां.