‘बाजीराव’ की तलवार लेने आये थे नीरज के पूर्वज, जानिये फिर कैसे हरियाणा के ही होकर रह गए

    0
    566

    भारत का सीना चौड़ा करने वाले नीरज चोपड़ा इन दिनों देश की सुर्खी बने हुए हैं। टोक्यो ओलंपिक में कई खिलाडियों ने अपने खेल की बेहतरीन पर्दर्शनी करके जीत हासिल की है भारत समेत अन्य कई देशो के खिलाडियों ने मैडल हासिल किये है। जिनमें भारत के बेहतरीन जेवलिन थ्रोअर खिलाड़ी नीरज ने गोल्ड मैडल हासिल कर इतिहास रच दिया है। एथेलेटिक में भारत का ये प्रथम गोल्ड मैडल है जो भारत के लिए बहुत गर्व की बात है।

    जैवलिन थ्रो में ये भारत का अब तक का सबसे पहला मेडल है। गोल्ड मैडल हासिल करते ही नीरज चपड़ा सुर्खियों में आ गए है हर देशवासी को उनपर गर्व है और उन्हें बधाई दे रहे है। नीरज चोपड़ा से जुड़ी कई सुनी अनसुनी बातें सामने आ रही है। ऐसी ही एक कहानी नीरज चोपड़ा से जुड़ी हुई है।

    भारत को गर्वित एहसास करवाने के बाद शायद ही कोई ऐसा होगा जिसकी ज़ुबान पर नीरज का नाम नहीं होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि नीरज चोपड़ा के पूर्वज बाजीराव की तल वार लेने हरियाणा गए थे। नीरज से जुड़ी जानकारी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दे रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समुदाय से जुड़ी एक कहानी का जिक्र अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से कविता के रूप में दिया है। अपनी कविता के माध्यम से बताया है कि नीरज चोपड़ा के पूर्वज मराठा थे।

    'बाजीराव' की तलवार लेने आये थे नीरज के पूर्वज, जानिये फिर कैसे हरियाणा के ही होकर रह गए

    नीरज ने भाले को 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तक फेंका और स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। देवेंद्र फडणवीस ने अपनी कविता के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया है कि पानीपत से भी नीरज चोपड़ा का जुड़ाव है। फडणवीस ने यह कविता अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। फडणवीस ने अपने अधिकारी टि्वटर हैंडल के माध्यम से एक कविता ट्वीट कर लिखते हैं कि “ये भा ला तो वीर शिवा का और रणभेदी राणा का है। भारत माँ का सपूत नीरज बेटा तो हरियाणा का है।

    'बाजीराव' की तलवार लेने आये थे नीरज के पूर्वज, जानिये फिर कैसे हरियाणा के ही होकर रह गए

    नीरज के इतिहास रचने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नीरज चोपड़ा को 6 करोड़ रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है। सदियों पहले जब पानीपत का तीसरा यु द्ध हुआ था। उस समय नीरज के पूर्वज मराठों के राज्य में रहते थे। राज्य में नीरज के पूर्वजों का बोलबाला था। मराठों कि राज्य में बाजीराव पेशवा का शासन था। नीरज के पूर्वज अपने साथ तलवार लाने के लिए मराठा साम्राज्य से हरियाणा की ओर आगे बढ़ रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें कई अन्य शासक भी मिले। हरियाणा आने के बाद नीरज के पूर्वज यहीं बस गए। नीरज चोपड़ा भी उन्हीं मराठा वंशजों में से एक हैं।