क्या फरीदाबाद कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच चुका है ?

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फरीदाबाद में लगातार बढ़ रहे  कोरोना के आंकड़ों ने फरीदाबाद जिला प्रशासन की समस्याओं को बढ़ा दिया है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना कई नई मौते देखने को मिल रही है और स्थिति ये है कि फरीदाबाद पूरे हरियाणा प्रदेश में नए कोरोना मरीजों के मामले में गुरुग्राम के बाद दूसरे स्थान पर सब से संक्रमित जिलों के रूप में बना हुआ है।

हरियाणा राज्य सरकार का फरीदाबाद में बढ़ रहे मामलों को लेकर कहना है कि दिल्ली से सटे होने के कारण फरीदाबाद में इतनी तेजी से कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं।लेकिन इसके लिए भी अभी तक सरकार द्वारा कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे इन मामलों पर नियंत्रण किया का सके।

क्या फरीदाबाद कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच चुका है ?

पत्रकारों से वार्ता के दौरान जब एक पत्रकार ने फरीदाबाद जिला उपायुक्त से सवाल किया कि जिस तेजी से फरीदाबाद में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं क्या उसे देखकर हम कह सकते हैं कि फरीदाबाद इस महामारी के कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाले चरण में पहुंच चुका है।

इस सवाल का जवाब देते हुए डीसी यशपाल यादव ने बताया कि फरीदाबाद में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं की जा सकती। लेकिन इसके पीछे कोई भी स्पष्ट कारण उनकी तरफ से नहीं दिया गया जिसे स्पष्ट हो सके कि आखिर क्यों फरीदाबाद को अभी भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाले शरण में शामिल नहीं किया जा रहा है।

क्या फरीदाबाद कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच चुका है ?

वहीं दूसरी ओर सामने आ रहे हैं नए कोरोना मरीजों से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहे कि वे स्वयं किस दूसरे व्यक्ति से संक्रमित हुए हैं। अब ना तो जिला प्रशासन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगा कर उनकी जांच कर रहा है और ना ही यह जांच कर रहा है कि संक्रमित व्यक्ति खुद कहां से संक्रमित हुआ है।

वही सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि फरीदाबाद जिला प्रशासन मौत के आंकड़ों को भी छुपा रहा है लेकिन अभी तक इसकी कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो चुकी है इसलिए यह दवा करना बिल्कुल निरर्थक होगा।

क्या फरीदाबाद कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच चुका है ?

कुल मिलाकर कहा जाए तो फरीदाबाद में कोरोना वायरस अपने चरम पर है और ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाकर इस महामारी को नियंत्रण में करने का प्रयास किए जाने चाहिए और युद्ध स्तर पर जांच की जानी चाहिए जिससे स्पष्ट हो पाएगा कि यह महामारी कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाले चरण में है अथवा नहीं।