फरीदाबाद, 15 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रतिनिधि के रूप में केन्द्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में 70 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। विश्वविद्यालय द्वारा 75वां स्वतंत्रता दिवस आज ‘विकास पर्व’ के रूप में मनाया गया।
समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि थे लेकिन किन्हीं व्यक्तिगत कारणों से मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पाये। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अगुवाई में आयोजित ‘लोकार्पण समारोह’ में जिन विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया, उनमें अधिकांश परियोजनाओं की आधारशिला 2017 में उनके द्वारा रखी गई थी।
परियोजनाओं में बहुमंजिला विज्ञान खण्ड, बहुमंजिला आवासीय परिसर, केन्द्रीय उपकरण प्रयोगशाला, स्वर्ण जयंती द्वार, अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो और रॉयल एनफील्ड ट्रेनिंग सेंटर (कौशल विकास) शामिल हैं।
इस अवसर केन्द्रीय राज्य मंत्री ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर आधारित काॅफी टेबल बुकलेट का विमोचन भी किया गया। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने विश्वविद्यालय में स्थापित शहीद स्मारक पर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी तथा जे.सी. बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
समारोह में फरीदाबाद के विद्यायक नरेन्द्र गुप्ता, बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा, तिगांव से विधायक राजेश नागर, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, कुलसचिव डाॅ. एस.के गर्ग, देव प्रसाद भारद्वाज तथा गंगाशंकर मिश्र के अलावा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री ने फरीदाबाद- गुरूग्राम मार्ग पर बनने वाले विश्वविद्यालय के नये कैंपस की प्रगति का जायजा लिया और अवगत करवाया कि जिला योजना में विश्वविद्यालय के नये कैंपस को लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और जल्द ही औपचारिकताएं पूरी होने के उपरांत नये कैंपस का निर्माण शुरू होगा।
उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार से फंड स्वीकृत करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नया कैंपस फरीदाबाद- गुरूग्राम को जोड़ने वाली प्रस्तावित मैट्रो लाइन पर स्थापित होगा।
केन्द्रीय राज्य मंत्री गुर्जर ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से उनका पुराना नाता रहा है। फरीदाबाद में छात्र संघ चुनाव के समय से उनकी निकटता यहां के छात्रों के साथ रही। इस संस्थान का फरीदाबाद के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और आज भी यह संस्थान युवाओं को रोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गतिशक्ति योजना की घोषणा की है, जिसका लाभ भी आने वाले समय में युवाओं को मिलेगा।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय द्वारा विगत छह वर्षों के दौरान किये गये ढांचागत विकास को लेकर प्रसन्नता जताते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि यह प्रशंसनीय है कि विश्वविद्यालय ने अपने राजस्व स्रोतों को उपयोग करते हुए व्यापक ढांचागत सुविधाएं विकसित करने में सफलता हासिल की है।
विश्वविद्यालय के विकास को फरीदाबाद के विकास से जोड़ते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कृष्णपाल ने कहा कि पिछले सात सालों में विकास के मामले में फरीदाबाद में कई बड़े बदलाव आये है और विश्वविद्यालय का ढांचागत विकास राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं का ही हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। जिस तरह से बिजली के मामले में दक्षिणी हरियाणा को ‘ए प्लस’ रैटिंग हासिल है, उसी तरह से यह विश्वविद्यालय भी प्रस्तावित नैक मूल्यांकन में ‘ए प्लस’ रैटिंग हासिल करेगा, ऐसा उनका विश्वास है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की सबसे पुरानी कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में इस समय 10 हजार विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है। इसकी तुलना में जे.सी.बोस विश्वविद्यालय जोकि अपेक्षाकृत नया है और क्षेत्रफल की दृष्टि से बेहद छोटा विश्वविद्यालय है, यहां विद्यार्थियों की कुल संख्या 6 हजार तक पहुंच चुकी है, जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन बधाई का पात्र है, जिनके प्रयासों से शिक्षा का स्तर इतना अच्छा है कि यह विश्वविद्यालय हरियाणा के छात्रों की पसंद बना है और आने वाले समय में नया कैंपस बन जाने के बाद यहां उत्तर भारत का सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बनेगा।
इससे पहले केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल ने विश्वविद्यालय की परियोजनाओं का अवलोकन किया और देवऋषि नारद मीडिया अनुसंधान केन्द्र के नाम से स्थापित अत्याधुनिक स्टूडियो से काफी प्रभावित हुए। जहां उन्होंने मीडिया के विद्यार्थियों को संक्षिप्त साक्षात्कार भी दिया।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ऐतिहासिक अवसर है। लगभग 400 विद्यार्थियों से शुरू हुआ यह संस्थान आज छह हजार विद्यार्थियों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान कर रहा है। नये पाठ्यक्रमों और विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ढांचागत विकास जरूरी था। शहर के बीचोबीच स्थित होने के कारण विश्वविद्यालय का हाॅरिजाॅन्टल विकास संभव नहीं था, इसलिए वर्टिकल विकास को प्राथमिकता दी गई है और कई बहुमंजिला भवनों को निर्माण किया गया है।
कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय ने नैक मान्यता तथा एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि चूंकि विश्वविद्यालय का नया कैंपस मिलेनियम सिटी गुरूग्राम तथा औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के बीच पड़ता है, विश्वविद्यालय की योजना नये कैंपस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, ब्लाॅक चेन जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित पाठ्यक्रम और शोध सुविधाएं विकसित करने की योजना रखता है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से विश्वविद्यालय के नये कैंपस के लिए सरकार से फंड उपलब्ध करवाने का अनुरोध भी किया।