कोरोना ने आकर देश मे आतंक मचा रखा हैं लेकिन इसके बारे लोग अभी तक जागरूक नही हैं वही अल्फाज़-ए-मेवात ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए 05 फरवरी से ही अपना अभियान शुरू कर दिया था जो लगातार जारी है और अब ज्यादातर समय कोरोना महामारी से बचाव,
गलत अफवाहों से सावधान रहने, घर पर रहकर बीमारी से बचने, सरकारी निर्देशों का पालन करने, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही बीमारी से संबंधित कोई लक्षण पाये जाने पर तुरंत प्रशासन से संपर्क करने की सलाह के साथ ही मनोरंजक कार्यक्रम प्रसारित किये जा रहे हैं ताकि स्थानीय समुदाय इस आपदा के समय मानसिक अवसाद से ग्रसित न हो.
कोरोना वायरस जैसी गंभीर महामारी में 21 दिनों के लॉकडाऊन के दौरान तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला में ’21 दिन 21 बातें’ शुरू की गई है. अफवाहों और झूठी खबरों से बचने के लिए ‘सावधान’ और लॉकडाऊन के दौरान घर पर ही रहने के लिए प्रेरित करने वाले महिला/पुरूषों, युवक-युवतियों को अधिक से अधिक जोड़ने के लिए ‘आज के हीरो’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है
इस रेडियो का संचालन करने वाले संस्थान सहगल फाउंडेशन की कम्युनिकेशन डायरेक्टर पूजा मुरादा ने बताया एक कि टेक्नोलॉजी के कारण ही यह संभव हो पाया है कि आज हम घर बैठे कई काम कर पा रहे हैं और कई कार्यक्रम घर से बना पा रहे हैं.
कोरोना से संक्रमित होने के क्या लक्षण हैं, इसपर जिले के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं.”रेडियो स्टेशन में सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाता है.
कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पहले अपने हाथ को साबुन से धोकर ही प्रवेश करना होता है. साथ ही, स्टूडियो को छोटे-छोटे अंतराल पर सेनिटाइज किया जा रहा है. सामुदायिक रेडियो एस एम सहगल फाउंडेशन द्वारा 2012 में नूंह के गाँव घागस में स्थापित किया गया है.
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