3 महीने होने को है, लेकिन कोरोना वायरस नामक ग्रहण देश से जाने का नाम नहीं ले रहा। उधर नेताओं से लेकर, स्वास्थ्य विभाग यहां तक की सड़क पर तैनात पुलिस भी लोगों को फेस मास्क लगाकर बाहर निकलने की अपील कर रही हैं। लेकिन बावजूद आज फरीदाबाद में लोग फेस मास्क के अभाव में इस संक्रमण को न्यौता देते हुए घूम रहे हैं। यह लोग कोई ओर नहीं बल्कि देश के शिक्षित युवा हैं।
वहीं अन्य तस्वीरों ने आप साफ साफ देख सकते है, कि किस तरह समाज का निम्न वर्ग यानी कि मजदूर फेस मास्क पहने हुए अपनी जागरूकता का परिचय दे रहे हैं।
भले ही यह लोग शिक्षित ना हो, भले ही इन लोगों के पास ऐशो आराम की जिंदगी ना हो। लेकिन बावजूद यह लोग अपनी जान को बचाने के लिए साथ ही अपनी परिवार की सुरक्षा के लिए अपने मुंह को ढके हुए हैं।
निम्न वर्ग को जितनी चिंता अपनी आजीविका की है उससे कई ज़्यादा चिंताजनक स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने कर्तव्य को निभाने में जुटें हुए हैं।
दूसरी ओर समाज हित का राग अलापने वाले संपन्न वर्ग सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाकर प्रशासन द्वारा देश को कोरोना मुक्त करने के मंसूबों पर पानी फेर रही हैं।
वहीं कहीं ना कहीं यह तस्वीरें पुलिस विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली का ही नतीजा है। अगर सरकार ने बिना फेस मास्क निकलने वाले के चालान काटने का आदेश पारित कर दिया है तो क्यों ऐसे लोगों के चालान नहीं काटे जाते है।
इसका अर्थ तो यही है कि या तो उक्त लोगों को ना तो कोरोना का कोई डर है ओर ना पुलिस प्रशासन का। तभी तो आलम यह है कि आज फरीदाबाद में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है।