रक्षाबंधन आने वाला है। हर तरफ इसकी तैयारियां चल रही हैं। इस दिन का इंतजार हर बहन और भाई को होता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षा या राखी बांधती हैं और उनके सुखद एवं दीर्घ जीवन की कामना करती हैं। भाई भी जीवन पर बहन के हर सुख और दुख में शामिल होने तथा उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन के दिन राखी शुभ मुहूर्त में बांधी जाती है। इससे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इस बार भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन भद्रा और राहुकाल में कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए। इन दोनों ही समय को अशुभ माना जाता है। भद्रा और राहुकाल में किए गए कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती है। हालांकि इस वर्ष रक्षाबंधन भद्रा से मुक्त हैं, हालांकि इस दिन राहुकाल का ध्यान रखें।
इस साल बृहस्पति और चंद्रमा की मंगलकारी युति से वैभव और प्रतिष्ठा प्रदान करने वाला गजकेसरी योग बनेगा। रक्षाबंधन के अवसर पर आपको काले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए। काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसका प्रयोग न करें तो अच्छा है। भाई को राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसका मुख दक्षिण दिशा में न हो। राखी बंधवाते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख होना ठीक रहता है।
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती है। भाई और बहन रक्षाबंधन के अवसर पर एक दूसरे को रूमाल और तौलिया उपहार में न दें। यह शुभ नहीं होता है। बहनों को धारदार या नुकीली चीजें उपहार में न दें। इस दिन दर्पण और फोटो फ्रेम जैसे गिफ्ट भी देने से बचें।
पर्व पर इसबार विशेष महत्व रखने वाला श्रावणी नक्षत्र नहीं रहेगा। भाई को तिलक के समय अक्षत् लगाने के लिए खड़े चावल का प्रयोग करें, टूटे चावल का नहीं। अक्षत् का अर्थ ही होता है जिसकी कोई क्षति न हो।