लड़कियां अगर मोम की गुड़िया है तो पर्वत से भी मजबूत उनकी हिम्मत है। WWE में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हरियाणा की कविता देवी ने अपनी धाकड़ परफॉर्मेंस से सबको दंग कर दिया था। कहते है भारतीय नारी किसी से कमजोर नहीं होती, न ही किसी से कम, उसे तो बस जरुरत होती है प्रोत्साहन की। यहाँ हम बात कर रहे है भारत की पहली डब्ल्यूडब्ल्यूई महिला रेसलर कविता देवी की।
लड़कियां अगर चाह ले तो दुनिया को फतह कर सकती है। WWE में सलवार-कमीज पहनकर हिस्सा लेने वाली 34 साल की कविता ने न्यू जीलैंड की पहलवान डकोटा काई का बुरा हाल कर दिया था। रेसलिंग के रिंग में सलवार सूट पहनकर फाइट करने वाली कविता के बारे में कहा जाता है कि वह रिंग में इतनी फुर्तीली हैं कि वह शेरनी की तरह विरोधी खिलाड़ियों पर टूट पड़ती है। उसे हार्ड केडी कहा जाता है।
WWE में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली महिला कविता देवी हैं। वह एक बार फिर से रिंग में उतरने को तैयार हैं। आपको बता दें वह चार बार सीनियर नेशनल चैंपियन, नेशनल गेम्स में चैंपियन, साउथ एशियन गेम्स में चैंपियन रह चुकी है। कविता देवी रिंग में उतरने से पहले अपनी परंपरा को नहीं भूलती है। वो सलवार-सूट में ही विरोधी को चित कर देती हैं। काफी वक्त से कविता देवी रिंग में नहीं उतरी थी। जिसके बाद कयास लगाये जाने लगे थे कि वो अब रिसलिंग को अलविदा कह देंगी। लेकिन इस कयास पर कविता ने पूर्ण विराम लगा दिया है।
कविता का संघर्ष किसी फ़िल्मी कहानी की तरह ही है। WWE की ‘मे यंग क्लासिक महिला टूर्नमेंट’ में पिछले महीने कविता और डकोटा काई का मुकाबला हुआ। WWE ने भी कविता के इस मुकाबले का विडियो यू-ट्यूब पर शेयर किया है। रेसलिंग के दूरी की वजह कविता ने बताई. उन्होंने बताया कि वो कुछ वक्त से एसीएल की चोट से पीड़ित थी। इसके बाद उनके पति को वायरस ने चपेट में ले लिया था। वो जनवरी से भारत में ही हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपने परिवार के साथ यहां रहना ज्यादा जरूरी था। इसलिए अमेरिका वापस नहीं जाने का फैसला किया।
कविता की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी, घर का गुजारा दूध बेचकर होता था। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूई में हर कोई अविश्वसनीय रूप से सहायक रहा है, उसके लिए मैं कृतज्ञता से भर गया हूं।