इस शख्स के नाम पर चल रही हैं शहर में 1200 गाड़ियां, अधिकारियों का चकरा रहा है सिर

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     इस शख्स के नाम पर चल रही हैं शहर में 1200 गाड़ियां, अधिकारियों का चकरा रहा है सिर

    भारत ऐसा देश है जहां पर गरीबी ज़्यादा है और अमीरी कम। गाड़ियों में घूमना आज भी कई लोगों का सपना है। आज के समय देश में बेरोजगारी का आलम चरम पर है ऐसे समय में किसी व्यक्ति के पास एक गाड़ी होना भी बड़ी बात मानी जा रही है। दिन प्रतिदिन डीजल और पेट्रोल के बढ़ते हुए दामों के कारण लोग गाड़ी खरीदना नहीं चाहते हैं।

    करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें गाड़ी लेने का बहुत मन है लेकिन ले नहीं पा रहे हैं। भारत में जहां किसी व्यक्ति के पास एक गाड़ी होना भी बड़ी बात है वही एक ऐसा शख्स भी है जिसके नाम पर एक शहर में ही 1200 गाड़ियां चल रही हैं। हम बात कर रहे हैं बरेली शहर की जहां एक व्यक्ति के पास 12 सौ से अधिक गाड़ियां हैं और सारी गाड़ियां उसी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

    इस शख्स के नाम पर चल रही हैं शहर में 1200 गाड़ियां, अधिकारियों का चकरा रहा है सिर

    एक कार लेना भी लोगों के लिए बड़ी बात होती है लेकिन यह भाईसाब अलग ही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इन सभी गाड़ियों को रजिस्टर्ड करने से पहले आरटीओ का ध्यान नहीं गया लेकिन जब यह मामला सबके सामने आया तो अब आरटीओ अधिकारी भी यह मांग कर रहे हैं कि इस मामले की कार्रवाई की जाए।

    इस शख्स के नाम पर चल रही हैं शहर में 1200 गाड़ियां, अधिकारियों का चकरा रहा है सिर

    अधिकारी भी हैरान – परेशान हैं कि यह ऐसा मामला है जो उजागर हुआ है। आरटीओ में काम करने के लिए काफी ऐसे दलाल बैठे हैं जो छोटे से लेकर बड़े वाहन को खुशी पल में रजिस्टर्ड भी कर देते हैं और ड्राइविंग लाइसेंस भी बना देते हैं। बरेली में हुई इस घटना के बाद काफी लोगों की नींद उड़ गई है। कारला एचपी एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड शहर में ऑटो रिक्शा खरीदने वाले लोगों को लोन मुहैया करवाती है। इस कंपनी ने 2005 से लेकर 2015 के बीच हजारों गाड़ियों का लोन करवाया है लेकिन इस कंपनी के एक कर्मचारी अजय कुमार के नाम 1269 गाड़ियां हैं।

    कर्मचारियों ने कागजों में गोलमाल करके सड़कों पर भ्रष्टाचार की गाड़ी बेखौफ दौड़ा दी। अजय के एक साथी संजय के नाम करीब साडे 450 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं। इस तरह का मामला सामान्य तौर पर संभव नहीं है यह तभी हो सकता है जब ऑडियो के कोई कर्मचारी और अधिकारी इस में सम्मिलित हो। अधिकारियों का कहना है कि इस कंपनी में अब यह दोनों व्यक्ति ही काम नहीं करते हैं और उनके नाम जो भी वाहन रजिस्टर्ड है उनमें यह बतौर गवाह रजिस्टर्ड है।

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    फाइनेंसर को फायदा पहुंचाने के लिए खेल भी ऐसा रचा, अफसरों का भी दिमाग चकरा गया। इस मामले की जांच के लिए अब आरटीओ ने आदेश दे दिए हैं और आरटीओ का कहना है कि जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।