खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

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 खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के  दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र में बसे खोरी गांव के लोगों के दुख अभी भी दूर होने का नाम नहीं ले रहे हैं विगत 2 महीने पहले नगर निगम द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे गांव में रहने वाले लोगों को हटा दिया गया है हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी निवासियों को मुनादी करके यह बताया था कि जिस जमीन पर आप रह रहे हो वह वन विभाग की जमीन है इसे इस सीमा अवधि के अंदर खाली कर दें।

समय सीमा अवधि खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने कार्यवाही करते हुए अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव को हटाने का प्रयास किया गया कार्यवाही को अंजाम देने से पहले लोगों को सूचित किया और उसके बाद भी इस गांव में रहने वाले वासियों को राधा स्वामी सत्संग आश्रम में शरण भी दी जिससे जब तक उनके सही रहने का बन्दोबस्त नहीं हो जाता तब तक वह इस आश्रम में रह सकते हैं यहां पर सभी की सुख सुविधाओं का ध्यान रखा था।

खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

लेकिन 2 महीने बाद ही हालात कुछ और नजर आ रहे हैं बेघर हुए लोग अभी तक सरकारी सुविधाओं से वंचित है उनका कहना है कि घर तो टूट गए अब अधिकारी हमें धूप में छोड़कर खुद आराम से ए.सी दफ्तरों में हवा खा रहे हैं उनका आरोप है कि सरकार ने उन्हें जो फ्लैट अलॉट किए गए थे और जब तक कोई व्यक्ति किराए पर रहेगा उसको किराए देने की बात भी झूठी साबित हो रही है ।

खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

ना ही फ्लेक्स मिले और नहीं हमें कोई किराया दिया गया इसके बावजूद हम टेंटो में रहने को मजबूर है 10,000 मकानो को नगर निगम द्वारा तोड़ा गया है अब यहां पर यह लोग अधिक दुख झेल रहे है।

सरकार पर लगायें आरोप

खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

खोरी गांव वासियों ने सरकार पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि सभी वादे सिर्फ कुछ समय के लिए किए गए थे चाहे वह किराया देने की बात हो चाहे वह आश्रय देने की बात हो चाहे फ्लैट देने की बात ही क्यों ना हो राधा स्वामी आश्रम में कुछ समय के लिए इन लोगों को पनाह दी गई थी लेकिन अब यह लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं और एक बार फिर तंबू लगाकर वही रहना शुरू कर दिया है ।

खत्म नहीं हो रहे खोरी गांव वासियों के दुख, घर टूटने के बाद तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर

इन लोगों का कहना है कि ना नौकरी है ना ही अब कैसे हैं सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाएं हवाई हवाई हो गई है इस समय वह लोग किसी भी घर का किराया देने में असमर्थ है इस कारण तबू लगाकर रहना पड़ रहा है तोड़फोड़ की कार्यवाही से पहले मुख्यमंत्री ने पूरे गांव वालों के लिए घोषणा की थी लेकिन अभी तक लोगों को कुछ नहीं मिला एक बार फिर से यह सभी खोरी गांव वासी अपनी मजबूरी पर आंसू बहा रहे हैं