हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने किसान आंदोलनों को लेकर दिए अपने बयान में कहा कि किसान आंदोलनों के चलते राज्य में नशे के अनेकों मामले बढ़ रहे हैं। कई लोग उन्हें इस मामले में उनका समर्थन भी कर रहे हैं, जिसके चलते पंचायतों की भी शिकायतें आ रही हैं। ओपी धनखड़ ने कहा कि उनके वहां उड़ता पंजाब जैसी फिल्में बन रही हैं
जबकि यहां सूरमा व दंगल जैसी फिल्में बन रही हैं। अब केवल नशे को ही लेकर कई जिलों की पंचायतों की शिकायतें आ रही हैं। हरियाणा राज्य के लिए यह एक चिंताजनक विषय है, जिस पर जागरूक लोगों द्वारा विचार भी किया जा रहा है।
ओपी धनखड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा की शुरुआती दिनों में आंदोलन किसानों के हित में चला था तथा पंजाब से चली जत्थेबाजी में उन्होंने कहा था कि पारित नए तीनों कृषि कानूनों में सुधार करवाने हैं। धनखड़ ने बताया कि सरकार जब सुधारों के लिए तैयार हुई तो किसान नेताओं ने येस और नो के बोर्ड दिखाते हुए कृषि कानूनों के रद्द होने पर ही आंदोलन को खत्म करने की बात कही। फिर उसके बाद भाजपा का विरोध करने व उनके द्वारा किए गया कार्यक्रमों को रद्द करने का नया एजेंडा आया।
ओपी धनखड़ ने कहा कि जब तक एमएसपी, कृषि कानूनों व फसल की बात हो रही थी, तब तक प्रतीत हो रहा था कि आंदोलन किसानों के हित में है। लेकिन बाद में इसने राजनीतिक आंदोलन का रूप ले लिया, परंतु राजनीतिक में भी लोकतंत्र की कोई नई बात नहीं दिखी। पहले कई बार यह आंदोलन पंजाब से चलाए जाने की बात सामने आई थी। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र द्वारा दिया जाने वाला बयान अर्थव्यवस्था को खराब कर देने वाला था।
धनखड़ का कहना है कि पंजाब की अर्थव्यवस्था ने अब बीमार हो चुकी है तथा पंजाब हरियाणा से बहुत पीछे है। धनखड़ का कहना है कि इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं हो सकती कि इस आंदोलन के चलते बहादुरगढ़ का जूता उद्योग भी बर्बाद हो गया तथा साथ ही कुंडली व राई के औद्योगिक इलाके भी इस कारण बर्बाद हो रहे हैं।
अब कांग्रेस के इरादों को भांपते हुए सभी की आंखे खुल जानी चाहिएं, प्रत्येक हरयाणवी को कांग्रेस पार्टी की मंशा को समझ जाना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि क्या वे हरियाणा की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के पक्ष में हैं, क्या वे पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेन्द्र के बयान के साथ खड़े हैं, और यदि ऐसा नहीं है तो उनके द्वारा इस बयान की निंदा की जानी चाहिए।