लव मैरिज को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। ज्यादातर युवा प्रेम विवाह करना पसंद करते है। कुछ लड़के और लडकिया तो कैसे भी कर के अपने घर वालो को लव मैरिज के लिए मना लेते है। लेकिन कुछ के घरवाले नही मानते। ग्वालियर खंडपीठ ने कहा कि सिर्फ माला पहनने से शादी नहीं हो जाती। उसके लिए पूरे विधि-विधान के साथ अग्नि के 7 फेरे लेने जरूरी हैं।
जिन मामलों में किसी के माँ – बाप नहीं मानते हैं उन मामलों में लड़के -लड़की को घर से भागने जैसा कदम उठाना पड़ता है। बहरहाल, अब हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी आर्य समाज मंदिर में शादी करने का दावा कर रहे मुरैना के कपल की सुनवाई के दौरान की। कपल ने शादी के बाद हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी।
जो भी कपल घर से शादी करने के लिए भागता है वो किसी मंदिर में जाकर भगवान को साक्षी मानकर एक दुसरे को माला पहना कर शादी कर लेते है। प्रेमी जोड़ो के लिए बहुत बड़ी खबर है जिसके चलते माला बदल कर की गयी शादी को नही माना जायेगा। जिसको लेकर कोर्ट द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को खारिज किया जाता है। एक भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे पता चले कि प्रेमी-प्रेमिका को धमकी मिली है या वे पुलिस के पास गए।
शादी हर किसी के लिए काफी अहम होती है। अब हाईकोर्ट के इस फैसले ने कई सवाल भी खड़े किये हैं। जैसे कि जिन्होंने बिना फेरों के शादी की है? उनकी शादी अब मान्य नहीं है? गौरतलब है कि मुरैना निवासी 23 साल के लड़के ने 21 साल की लड़की के साथ 16 अगस्त को ग्वालियर के लोहा मंडी किलागेट स्थित आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की थी।