इस दुनिया में हर शख्स का और हर चीज का कोई न कोई नाम ज़रूर होता है। नाम से ही पहचान होती है। दुनिया के लगभग सभी देशों में बच्चों का नाम किसी बड़ी शख्सियत के नाम पर रखना का चलन है। लेकिन, यूरोप का एक देश ऐसा भी है, जहां मां-बाप को अपने बच्चों का नाम रखने से पहले सरकार से मंजूरी लेनी होती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं यूरोपीय देश स्वीडन की।
कई पैरेंट्स तो अपने बच्चों के नाम पहले से ही सोचकर रख लेते हैं। लेकिन यहां की सरकार ने हाल में ही एक जोड़े को अपने बच्चे का नाम व्लादिमीर पुतिन रखने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने इस बच्चे के मां-बाप को कोई दूसरा नाम सोचने की सलाह दी है।
पैरेंट्स भी सरकार के फैसले के खिलाफ नहीं जा सकते हैं। उनका मन दूसरा नाम रखने का नहीं है। विलियम शेक्सपियर ने अपने एक नाटक में कहा था- “नाम में क्या रखा है? गुलाब को चाहे हम किसी भी दूसरे नाम से बुलाएं उसकी सुगंध कभी कम नहीं होगी। मगर शेक्सपियर के इस ख्याल से स्वीडेन की सरकार सहमत नहीं लगती है।
वहां की सरकार ने अभी तक कुछ आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि नाम क्यों हटाने के लिए बोला गया है? स्वीडन के अधिकारियों ने एक जोड़े को अपने बेटे का नाम व्लादिमीर पुतिन रखने पर रोक लगा दी है। माता-पिता ने रूसी राष्ट्रपति के नाम पर अपने बेटे का नामांकरण करने का प्रस्ताव टैक्स एजेंसी को सौंपा था। स्वीडिस कानून के अनुसार, अगर बच्चे का नाम आपत्तिजनक है या अगर वे उस व्यक्ति के लिए असुविधा का कारण बन सकते हैं तो ऐसे नामों को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में शामिल हैं। बड़े राजनेता के नाम पर नाम रखा गया लेकिनजैसे ही इस बारे में स्वीडन के सरकारी विभाग को पता चला वैसे ही वो नाम से इतना डर गए कि उन्होंने उस नाम को रखने पर बैन लगा दिया और कपल को तुरंत नाम बदलने का आदेश दिया।