हरियाणा के सरकारी स्कूल हुए स्मार्ट, डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाकर स्मार्ट क्लास में शिक्षा लेते दिखें विद्यार्थी

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 हरियाणा के सरकारी स्कूल हुए स्मार्ट, डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाकर स्मार्ट क्लास में शिक्षा लेते दिखें विद्यार्थी

समय के साथ साथ टेक्नोलॉजी का आगमन इतना हो गया है कि अब हर कोई नई नई टेक्नोलॉजी का मोहताज हो गया है। जिसे देखो अब लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के पीछे भागता हुआ दिखाई दे रहा है, चाहें इस रेस में बच्चा हो या बूढ़ा। अब ऐसा ही नजारा न सिर्फ सरकारी दफ्तरों में बल्कि सरकारी स्कूलों में भी देखने को मिल रहा है।

हम बात कर रहे हैं हरियाणा के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों की। जहां स्मार्ट क्लास से अब स्मार्ट तरीके से अध्यापक ना सिर्फ बच्चों को पढ़ाते हैं, बल्कि स्मार्ट बनने की होड़ में बच्चे भी खुशी खुशी स्मार्ट क्लासेस में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।

हरियाणा के सरकारी स्कूल हुए स्मार्ट, डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाकर स्मार्ट क्लास में शिक्षा लेते दिखें विद्यार्थी

एक समय हुआ करता था जब अध्यापकों को पढ़ाता देख जिन्हें नींद आती थी, अब वही बच्चे झूमते, गाते और नाचते हुए पढ़ाई कर रहे हैं। यह दृश्य कहीं ओर का नहीं बल्कि नजारा स्मार्ट क्लास का है। यह स्मार्ट क्लास किसी निजी स्कूलों में नहीं है। बल्कि राजकीय प्राथमिक स्कूलों में देखने को मिल रहा है। राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई बिल्कुल स्मार्ट तरीके से स्मार्ट टीवी पर हो रही है। माडल स्कूलों के पश्चात अब जिला के 36 सरकारी स्कूलों में 91 डिजिटल बोर्ड लगा दिए गये हैं। जिसके माध्यम से विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी महंगे निजी स्कूलों के बच्चों को टक्कर देंगें।

सरकारी स्कूल व निजी स्कूल कोविड 19 के चलते बंद पड़े थे, जिसके बाद कुछ छात्रों को पढ़ाई लिखाई में काफी दिक्कत हो रही थी। अब स्कूल खुलते ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई करवाई जा रही है। स्मार्ट क्लास में आधुनिक पाठ्य सामग्री को बच्चों के लिए बेहद रोचक बनाया गया है। जो कविताएं व पहाड़ा उन्हें रटाया जाता था, उसे अब बच्चे गाकर पढ़ रहे हैं।

हरियाणा के सरकारी स्कूल हुए स्मार्ट, डिजिटल टेक्नोलॉजी अपनाकर स्मार्ट क्लास में शिक्षा लेते दिखें विद्यार्थी

साउंड सिस्टम और प्रोजेक्टर व टीवी स्क्रीन पर बच्चों को जो पढ़ाया जाता है, वही लिखा हुआ देखते हैं और सटीक उच्चारण भी सुनाई देता है। इससे जहां बच्चों को मस्ती-मस्ती में पढ़ाना रोचक हुआ, वहीं बच्चे भी तेजी से सीख रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में बच्चों के लिए मूल्यों की शिक्षा भी दी जा रही है, जिससे उन्हें सदाचार व आचरण भी साथ-साथ सिखाया जा सके।

मतलब जिस तरीके से भी सही, मगर अब स्कूली छात्रों को भी स्कूल आने का मोह हो गया है। अब स्कूल से भागने की जगह छात्र स्कूल जाने की जिद करते दिखाई देते हैं। खुशी खुशी स्कूल के लिए निकलते और होठों पर हसी लिए घर लौट जाते हैं।