अरावली क्षेत्र में वन एवं वन्यजीव द्वारा तितलियों का विशेष सर्वेक्षण

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 अरावली क्षेत्र में वन एवं वन्यजीव द्वारा तितलियों का विशेष सर्वेक्षण

जिले के अरावली क्षेत्र में खोल खंड के 10 गावों में वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा तितलियों का विशेष सर्वेक्षण कराया जाएगा। हरियाणा राज्य में अपनी तरह का यह पहला सर्वेक्षण होगा, जोकि गांव पालड़ा, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालकी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा में 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में तितलियों की विविधता के आंकलन का होगा।

यह सर्वेक्षण जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अध्ययन का उपयोगी सर्वे साबित होगा। फुलवारी व बगीचों इत्यादि में मंडराती तितलियां प्रत्येक जन का मन मोह लेती हैं, लेकिन बदलते पर्यावरण के साथ तितलियां भी दिखना बंद हो जाती हैं। तितलियां एक बेहतरीन पर्यावरण की सूचक होती हैं।

अरावली क्षेत्र में वन एवं वन्यजीव द्वारा तितलियों का विशेष सर्वेक्षण

उपायुक्त यशवेंद्र सिंह ने इस विशेष तितली सर्वेक्षण के निर्णय को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि तितलियों को हमारे ईको सिस्टम का बायो इंडिकेटर भी माना जाता है। तितलियां अपने निवास स्थान की गड़बड़ी और प्रदूषण के प्रति काफी संवेदनशील होती हैं। यह विशेष तितली सर्वेक्षण क्षेत्र की परिस्थिति पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और असंतुलन को देखने का आधार भी बनेगा।

अरावली क्षेत्र में वन एवं वन्यजीव द्वारा तितलियों का विशेष सर्वेक्षण

बता दें कि पहला तितली सर्वेक्षण अरावली क्षेत्र के खोल खंड गावों में किया जाएगा। तितलियां जोकि एक महत्वपूर्ण परागणक भी हैं और कई पौधों की प्रजातियों को भी परागित करते हैं क्योंकि वे फूल से फूल की ओर बढ़ते हैं। तितलियों व पौधों के बीच एक सहजीवी संबंध होता है। पर्यावरण की सूचक तितलियां जंगल की जैव विविधता को भी दर्शाती हैं।