पाई पाई के मोहताज थे जितेंद्र आज हैं करोड़ों के मालिक, जानिए फर्श से अर्श तक की कहानी

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     पाई पाई के मोहताज थे जितेंद्र आज हैं करोड़ों के मालिक, जानिए फर्श से अर्श तक की कहानी

    फर्श से अर्श पर कोई कब पहुंच जाए कहा नहीं जा सकता है। किस्मत किसी भी समय बदल सकती है। जितेंद्र बालाजी टेलीफिल्म्स, बालाजी मोशन पिक्चर्स और एएलटी एंटरटेनमेंट के अध्यक्ष होने के साथ-साथ एक भारतीय अभिनेता, टीवी और फिल्म निर्माता हैं। अपने डांस के लिए प्रसिद्ध अभिनेता को साल 2003 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2006 में स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

    80 दशक के दिग्गज अभिनेता जितेन्द्र को आखिर कौन नहीं जानता। करोड़ों फैंस हैं इनके। जितेंद्र ने 1960 से 1990 के दशक तक करीब 30 वर्षों तक इंडस्ट्री पर दबदबा कायम किया।

    पाई पाई के मोहताज थे जितेंद्र आज हैं करोड़ों के मालिक, जानिए फर्श से अर्श तक की कहानी

    जीतेन्द्र उन कलाकारों में शामिल है जिन्होंने शुरू से ही गरीबी को देखा था। उन्हें अपना पहला बड़ा ब्रेक वी. शांताराम की ‘गीत गया पहाड़ों’ ने और बूंद जो बन गई मोती से मिला। हालाँकि उन्हें 1967 में रिलीज हुई फिल्म फ़र्ज़ से सफलता मिलनी शुरू हुई। फर्ज़ में मस्त बहारों का मैं आशिक गाने के लिए उन्होंने एक रिटेल स्टोर से जो टी शर्ट और सफेद जूते खरीदे, वह उनका ट्रेडमार्क बन गया। जिसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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    बचपन से ही वे आर्थिक समस्या से जूझ रहे थे। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जीतेन्द्र ने फर्श से अर्श तक का शानदार सफ़र तय किया है। फ़र्ज़ के बाद कारवां और हमजोली जैसी फिल्में आईं, जिनमें जीतेंद्र के डांस वाले गाने काफी ज्यादा थे। फिल्मों में उनके जबरदस्त डांस के करण उन्हें ‘बॉलीवुड का जंपिंग जैक’ भी कहा जाता हैं।

    jeetendra

    जीतेन्द्र को अपनी पहली फिल्म महज 100 रुपये प्रतिमाह में साइन करनी पड़ी थी और इसमें भी ताज्जुब की बात कि उन्हें समय पर पैसे नहीं मिले थे। जितेन्द्र की कुल संपत्ति लगभग 200 मिलियन डॉलर हैं, जोकि लगभग 1400 करोड़ से अधिक हैं। इसके आलावा जितेन्द्र जुहू की एक आलीशान हवेली के भी मालिक हैं। जिसकी कीमत करोड़ों में हैं।