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जिंदा को छोड़ मृत व्यक्ति को संक्रमण से बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, मौत के चार महीने बाद मृत को लगाई दूसरी डोज

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आए दिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही किसी की जान पर भारी पड़ती देखी गई है। फिर भी आलम यह है कि इस तरह के मामलों में कोई कमी नहीं दिखाई देती हैं। नतीजन दूसरी ओर लापरवाही बरतने पर अब यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कब तक यह मामले दर्ज होते रहेंगे। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ऐसी एक लापरवाही का नमूना बहादुरगढ़ में देखने को मिला।

जहां मौत के करीबन चार महीने बाद भी मरे हुए लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा रही है. मामला का है, जहां आदर्श नगर पीएचसी से जुड़ा है. दरअसल बहादुरगढ़ के आदर्श नगर की रहने वाली सुमित्रा देवी का 4 मई 2021 को मृत घोषित हो गया था। इससे पहले सुमित्रा देवी ने 13 अप्रैल 2021 को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज आदर्श नगर पीएचसी से लगवाई थी, लेकिन उनकी मौत को करीबन चार महीने बीत जाने के बाद 27 अगस्त को सुमित्रा देवी को उसी आदर्श नगर पीएचसी पर संक्रमण वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी गई।

जिंदा को छोड़ मृत व्यक्ति को संक्रमण से बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, मौत के चार महीने बाद मृत को लगाई दूसरी डोज

फिलहाल मौत के बाद भी वैक्सीन लगने के इस मामले से लोगों में उनके आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल होने का डर सताने लगा है। लोग यह भी मान के चल रहे हैं कि वैक्सीनेशन के आंकड़े बढ़ाने के लिए तो कहीं स्वास्थ्य विभाग ने ये कारनामा जानबूझकर तो नहीं किया है।

दरअसल, हर कोई हैरान तब हो गए जब परिजनों के मोबाइल पर मैसेज भी आया और सर्टिफिकेट भी डाउनलोड हो गया हैं। मौत के बाद भी दूसरी डोज लगने का मैसेज देखकर परिजन दंग रह गये। उन्हें इस बात का डर है कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया है.

जिंदा को छोड़ मृत व्यक्ति को संक्रमण से बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, मौत के चार महीने बाद मृत को लगाई दूसरी डोज

मृतका के बेटे योगेश ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.योगेश ने अपनी मृतका मां का दूसरी डोज लगने वाला सर्टीफिकेट रद्द कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।

जिंदा को छोड़ मृत व्यक्ति को संक्रमण से बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, मौत के चार महीने बाद मृत को लगाई दूसरी डोज

वहीं बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल में वैक्सीनेशन का कार्य देख रहे डॉक्टर ने पहले तो पूरा मामला सुनते ही जांच की बात कही हैं। उन्होंने कहा कि जिस रजिस्टर में एंट्री हुई है उसकी भी जांच होगी और दोषी पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन थोड़ी ही देर में स्वास्थ्य विभाग का बचाव करते हुए डॉक्‍टर ने कहा कि वैक्सीन लगवाने आए किसी लाभार्थी ने गलत मोबाइल नम्बर दिया होगा जिसके कारण ऐसा हुआ है।

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