जासूसी का काम सुनने में जितना रोमांचक लगता हैस लेकिन उतना ही मुश्किल और जानलेवा होता है। आज हम आपको एक ऐसे भारतीय जासूस की लव स्टोरी बताने जा रहे हैं जो भारत की सेवा के लिए पाक आर्मी में मेजर बन गए थे। इनके बारे में कई दिलचस्प किस्से हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले पूर्व रॉ एजेंट रविंद्र कौशिश की। जिन्होने पाकिस्तान में अपने मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिये इस्लाम तक कबूल कर लिया था।
इस काम के लिए किसी को अपना धर्म, अपना देश, अपनी पहचान और अपना परिवार सबकुछ खोना पड़ता है। रॉ का जासूस होकर उन्होंने रविन्द्र कौशिक से अपना नाम बदलकर ‘नवी अहमद शाकिर’ रख लिया था और सरकार ने उनको ‘ब्लैक टाइगर’ की उपाधि से सम्मानित कर रखा था।
देश के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाने वाले रविंद्र कौशिक हर किसी के लिए प्रेरणा हैं। उनकी सूचनाओं के कारण भारत पाकिस्तान के हर कदम पर भारी पड़ता था क्योंकि पाक की सभी योजनाओं की जानकारी उनके द्वारा समय पूर्व भारतीय अधिकारियों को मिल जाया करती थी। उन्हें पाकिस्तान के एक आर्मी अफसर की बेटी से मोहब्बत हो गई थी।
बचपन से ही उन्हें थियेटर का शौक था इसलिए बड़ा होकर वह एक थियेटर कलाकार बन गए थे। उनकी प्रेमिका का नाम अमानत था। पहले वो दोनों दोस्त थे। बाद में दोनों की शादी हो गई। यहां तक कि उन्होंने अमानत को भी कभी इस बारे में पता नहीं लगने दिया कि वो रॉ में काम करते हैं। दोनों ने अपने बेटे का नाम आरीब अहमद खान रखा।
उन्हें पाकिस्तान भेजने से पहले दिल्ली में गहन प्रशिक्षण दिया गया था। इस्लाम की धार्मिक शिक्षा दी गयी और पाकिस्तान के बारे में। पाकिस्तान पहुंचकर रवीन्द्र नबी अहमद शेख़ बन गए। उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में दाखिल लिया। यह केवल दिखावा नहीं था, बल्कि रवीन्द्र ने कॉलेज में रहते हुए खुद की नई पहचान को स्थापित किया। कानून में स्नातक की डिग्री ली थी।