फरीदाबाद शहर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं कोरोना की वजह से शासन प्रशासन हर कोई चिंतित है लेकिन ऐसे में कुछ जगहों पर हुई लापरवाही लोगों के लिए काफी घातक साबित हो सकती है।
बुधवार को कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करने के बाद नगर निगम के कर्मचारी सेक्टर-22 के श्मशान घाट पर पीपीई किट वहीं छोड़कर चले गए। फोन करने के बाद वीरवार सुबह निगम कर्मी श्मशान घाट पहुंचे और पीपीई किट को अपने साथ ले गए। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने इसे बड़ी लापरवाही कहा है और इसकी जांच करवाने की बात कही है।
गौरतलब, सेक्टर-23 निवासी एक व्यक्ति की बुधवार को कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। इस पर नगर निगम मृतक का अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमानुसार करवाने के लिए सेक्टर-22 स्थित सेवा समिति के श्मशान घाट में ले गए ।
एक रिपोर्ट के अनुसार सेवा समिति शमशान घाट के प्रबंधक प्रधान अजय नौनिहाल ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद निगम कर्मचारियों ने इस्तेमाल की हुई पीपीई किट पीले रंग की थैली में डालकर वहीं छोड़ दी। पीपीई किट डालने के बाद थैलियों को बंद भी नहीं किया गया । निगम कर्मचारियों ने वहां मौजूद देखरेख करने वाले व्यक्ति राज कुमार से कहा कि थोड़ी देर में निगम की गाड़ी आकर उसे उठा ले जाएगी, मगर रात तक वहां कोई नहीं पहुंचा। उनके कर्मचारियों ने कई बार निगम अधिकारियों को फोन भी किया, मगर कोई नहीं आया। वीरवार सुबह भी कर्मचारियों ने फोन किए तो वे पहले तो उन्होंने टाल मटोल की, मगर फिर गाड़ी भेजकर पीपीई किट आदि उठवा ली।
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डा. उदयभान शर्मा ने इसे गंभीर चूक माना है। उन्होंने कहा कि पीपीई किट वहां छोड़ी ही नहीं जानी चाहिए और छोड़ी भी तो थैलियों को बंद किया जाना चाहिए थे। उन्होंने इस मामले की जांच करवाने की बात कही है।
दो और लोगों का भी हुआ अंतिम संस्कार
अजय नौनिहाल ने बताया कि बुधवार सारा दिन संक्रमित किट वहां रही। कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के बाद वहां दो और लोगों का संस्कार किया गया। इस दौरान संस्कार में शामिल होने आए लोगों को वहां मौजूद कर्मचारी पीपीई किट से दूर रहने के लिए कहा गया ।
गौरतलब इस मामले को पूरी तरह देखने के बाद यह साबित होता है कि कई इलाकों में निगम द्वारा लापरवाही की शिकायत है आने के बावजूद भी नगर निगम अभी भी कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी को लेकर सत्य नहीं हुआ है कुछ निगम कर्मचारियों की वजह से यह खतरा बढ़ता ही जा रहा है जिन की लापरवाही की वजह से लोगों पर परेशानियों के पहाड़ टूट रहे हैं ।
इस प्रकार की लापरवाही महामारी के दौरान काफी घातक साबित हो सकती हैं । प्रशासन को अब शक्ति दिखाने की जरूरत है इससे पहले कि किसी और की लापरवाही का खामियाजा निर्दोषों को भुगतना पड़ जाए।