भारत चीन सीमा पर चल रहे विवाद के हिंसक रूप ले लेने के कारण कुछ भारतीय वीर जवानों की शहादत की खबर सामने आई थी जिसके बाद से ही पूरे देश में चाइना के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है पूरे भारत में देश के कोने-कोने से लोग प्रदर्शन कर चाइना की कंपनियों और चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग जोरों शोरों से उठा रहे हैं।
चाइना की कंपनियों और उनके उत्पादों के बहिष्कार की मांग यह जोर पकड़ने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा चाइनीज कंपनियों को दिए जाने वाले दो ठेके रद्द करने का निर्णय लिया गया है। हरियाणा सरकार द्वारा चाइनीज कंपनियों को दिए जाने वाले दो थर्मल पावर प्लांट के ठेकों को रद्द कर दिया गया है।
यमुनानगर और हिसार में लगाए जाने वाले पावर प्लांट के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बिडिंग हुई थी जिसमें दोनों ठेके 2 अलग अलग चाइनीज कंपनियों को दे दिए गए थे। लेकिन देश भर में चल रहे चाइना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए और चाइना की कायरतापूर्ण हरकत के लिए अब हरियाणा सरकार द्वारा दोनों ठेके रद्द कर दिए गए है।
थर्मल प्लांट के लिए हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बोलियां आमंत्रित की थीं। वहीं अब एनटीपीसी की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को इन ठेकों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सरकार द्वारा चीनी कंपनियों को दिए गए ठेकों को रद्द कर दिया गया हो।
हरियाणा सरकार द्वारा चाइनीज कंपनियों को दिए गए इन दो ठेकों को रद्द करने के बाद अब चाइनीज कंपनी इको ग्रीन जो फरीदाबाद एवं गुरुग्राम में घर-घर से कचरा उठाने का कार्य करती है उसके साथ किए गए करार को भी रद्द करने की मांग जोरों शोरों से उठाई जा रही है।
इको ग्रीन को दिए गए ठेके को रद्द करने के लिए कुछ दिन पहले फरीदाबाद के डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग द्वारा फरीदाबाद के नगर निगम कमिश्नर यश गर्ग को पत्र लिखकर यह अपील भी की गई थी कि चाइनीज कंपनी इको ग्रीन को दिए गए ठेकों को समाप्त किया जाए।
जिसे देखकर अब लग रहा है कि जल्द ही हरियाणा सरकार द्वारा इको ग्रीन के साथ किए गए ठेकों को भी जल्द समाप्त कर दिया जाएगा जिस का एक बड़ा कारण यह है भी है कि इको ग्रीन को जो कार्य दिया गया है उसके द्वारा यह कार्य भली-भांति नहीं किया जा रहा है और नगर निगम को चूना लगाने की खबरें भी इकोग्रीन की तरफ से सामने आ रही है।
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार की इको ग्रीन के साथ किए गए ठेकों को भी रद्द करती है अगर ऐसा होता है तो यह फरीदाबाद नगर निगम एवं पूरी हरियाणा सरकार के लिए काफी फायदेमंद फैसला होगा क्योंकि लंबे समय से इको ग्रीन के चलते फरीदाबाद नगर निगम घाटे की स्थिति में चल रहा है।