प्रदूषण फिर बरपा रहा है अपना कहर, औद्योगिक नगरी फिर पहुंची देश में पहले नंबर पर

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जैसा कि आपको पता ही है कि प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। और इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन भी बहुत कुछ कर रही है मगर अब भी यह नियंत्रण में नहीं आ रहा है। यह दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोगों को भी से बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है।

फरीदाबाद में पोलूशन का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है।जहां एक तरफ नगर निगम को भी लोगों ने कोसा है और अभी तक नगर निगम की तरफ से ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया ना ही छिड़काव किया गया है।और ना ही सड़कों पर पानी की बौछार।

प्रदूषण फिर बरपा रहा है अपना कहर, औद्योगिक नगरी फिर पहुंची देश में पहले नंबर पर

वही आज फरीदाबाद के AQI लेवल की बात करें तो 469 पहुंच गया है। जब हमने लोगों से बात करी तो लोगों का कहना है कि सुबह हम पार्क घूमने जाते हैं तो आंखों में जलन होती है और सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

प्रदूषण फिर बरपा रहा है अपना कहर, औद्योगिक नगरी फिर पहुंची देश में पहले नंबर पर

वायु प्रदूषण के मामले में बस पति वार को औद्योगिक नगरी फिर देश में पहले नंबर पर आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से शाम 4:00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार को जिले में अति सूक्ष्म कणों का स्तर 406 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। यह सामान्य से 8 गुणा अधिक है।

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जब हवा में शिक्षण करो कि संख्या 400 से ऊपर होती है तो यह गंभीर की श्रेणी में रखी जाती है।सूक्ष्म कणों का 50 तक स्तर सामान्य श्रेणी में माना जाता है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में होने से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन की ओर से इस को नियंत्रण में करने के जो दावे किए जा रहे हैं, उनमें कोई दम नहीं है।और अगर प्रयास भी किए जा रहे हैं तो नाकाफी हैं।

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चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण का यह स्तर बुजुर्गो व बच्चों के स्वास्थ्य के नजरिए से बेहद चिंताजनक है। क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।इधर जिला नागरिक अस्पताल में सांस लेने में आ रही कठिनाइयों संबंध में मरीजों की संख्या बढ़ी है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता के अनुसार सामान्य दिनों में 50 से 25 लोग जांच के लिए आते थे अब संख्या 60 से पार हो कर रही है।

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शहर से लेकर गांव तक सड़कों के किनारे पर मिट्टी उड़ती दिखाई दे रही है।  ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 15 अक्टूबर से लागू है, इसके बावजूद अभी तक मिट्टी को साफ नहीं किया जा सका। यहां तक कि शहर के बीचों बीच से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे जगह-जगह मिट्टी के ढेर लगे हैं।

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बाईपास पर तो बहुत बुरा हाल है। यहां दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।बाईपास किनारे मिट्टी के ऊंचे ऊंचे टीले लगे हुए हैं। हवा चलने के साथ मिट्टी उड़ती है जिससे  वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।

प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को भी कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
लव जब भी घर से बाहर जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाए।
प्रदूषण त्वचा और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है जब भी घर से बाहर निकले आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं।
यदि मुंह पर मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं तो उसे बार-बार छुए नहीं।
अधिकतर अपने मोहल्ले व गांव की सड़कों को गिला रखें जिससे की मिट्टी ना उड़े और प्रदूषण को कुछ नियंत्रण तक लाया जा सके।
खासकर अपने वाहनों का इस्तेमाल ना कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें जिससे कि प्रदूषण को नियंत्रण में लाया जा सके।

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