गड्ढों में धसी हुई है औधोगिक नगरी की सड़के, नगर निगम के दावे फिर हुए फेल

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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि फरीदाबाद की ज्यादातर सड़को  की हालत  जर्जर हो चुकी है। सड़क तो हमे देखने को ही नहीं मिलती, वह टूट टूट कर छोटे-छोटे कंकड़ और बजरी में परिवर्तित हो चुकी है। प्रशासन ने यहां काम तो चलाया था मगर वह भी अधूरा छोड़ दिया।

इनकी हालत बिल्कुल खस्ता हो चुकी है। गड्ढों में सड़क है या सड़क में गड्ढे यह कहना बहुत ही मुश्किल है। गड्ढों  के कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। तो ऐसी ही कुछ सड़को के बारे में हम आपको आज बताएंगे।

गड्ढों में धसी हुई है औधोगिक नगरी की सड़के, नगर निगम के दावे फिर हुए फेल

सबसे पहले हम आपको  हार्डवेयर चौक से सोहना रोड की तरफ जाने वाली सड़क के बारे में बताते है। यहां का निर्माण कार्य शुरू तो  हुआ था मगर अब वह कार्य अधूरा रह गया।  एक तरफ की सड़क बना दी है तो उसी तरह का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।

यहां से गुजरने वाले चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।यहां पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी नहीं है। इस कारण रात में आए दिन लोगों के साथ दुर्घटना होती रहती है। स्थिति ज्यादा खराब होने पर प्रशासन की ओर से गड्ढों को भरने की घोषणा की गई थी इस पर भी कोई कार्यवाही नजर नहीं आई।

गड्ढों में धसी हुई है औधोगिक नगरी की सड़के, नगर निगम के दावे फिर हुए फेल

शहर के खस्ता चौको में शुमार हार्डवेयर चौक का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।एक तरफ की सड़क बना दी गई, वहीं दूसरी तरफ से  सड़क को यूंही छोड़ा हुआ है। इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों लोग आना-जाना करते हैं। यहां से गुजरने का मतलब है कि अपनी जान हथेली पर लेकर जाना।

समाजसेवी  के लंबे संघर्ष के बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 6 महीने की समय सीमा दी गई थी। लेकिन अभी 8 महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन सड़क का कोई भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।

गड्ढों में धसी हुई है औधोगिक नगरी की सड़के, नगर निगम के दावे फिर हुए फेल

वहीं एक और जगह अगर हम आपको बताए तो वर्लपूल एचौक से सारन की तरफ जाने वाली सड़क पर करीब 50 से ज्यादा कंपनियां है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में कर्मचारियों सहित माल ढोने वाले वाहनों का आवागमन होता है।

यह सड़क पर करीब 10 साल से विकास की ओर देख रही है। बरसात के बाद इस सड़क पर गिट्टी और तारकोल के अलावा सिर्फ मिट्टी दिखती है निगम की ओर से यहां मरम्मत भी नहीं की गई है।

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